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zainiwrites
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zainiwrites 103w
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© Begzainab -
zainiwrites 103w
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@begzainab -
zainiwrites 121w
खुशी
कितना हास्यरहित शब्द है
किसी के लिए ठिठोली
तो किसी के लिए नर्क है
किसी के लिए जीवन
वयतीत करने का अनुभव
किसी के लिए दर दर
ठोकरें खाने का भय है
कोई मुफ्त में पाता है
तो कोई इच्छा में गुजार जाता है
कोई पूरे में अधूरा है
तो कोई टुकड़ों में भी पूणऀ है
रे मनुष्य आखिर तू क्यों बेचैन है
ये जीवन दुःख सुख का संगम है
कभी खुशी कभी गम है
© ज़ैनब बेग -
zainiwrites 122w
ध्यान रखो !☝️
ध्यान रखो , ये अभिमान रखो
जब तुम बाहर जाओ
नयन अपने झुकाते जाओ
कर्ण अपने संभालते जाओ ।।
एक दयालुता का भाव हो
मन में सच्चाई हो
नए पथ की खोज हो
कर्यतज्ञता की सोच हो
इससे बढ़ कर कुछ हो नहीं सकता
इन सब के बगैर नाम तुम्हारा हो नहीं सकता ।।
© ज़ैनब बेग -
zainiwrites 122w
कोरोना
खुदा का अज़ाब है ये कोरोना
घर में रह के खुदा की इबादत करो ना
ईबोला वायरस की तरह
खौफनाक है ये कोरोना
सैनिटाइजर का उपयोग करके
बार बार साबुन से हाथ धो के
बचने की कोशिश करो ना
कोबरा के ज़हर से ज़हरीला है ये कोरोना
तुम घर में रह के अमृत के रस पियो ना
कितना खौफनाक है ये कोरोना
तुम सब समझने की कोशिश करो ना
इस वायरस ने मनुष्य को ही अपना दुश्मन बनाया है
तुम अंदर ही रह के इससे बचने की कोशिश करो ना
इसके भय से तुम बच नहीं सकते
पर अपना मुंह ढक के कुछ तो शर्म करो ना ।।
© ज़ैनब बेग -
zainiwrites 124w
वो कहीं कहो गया !
क्यों ना जाने कोई , क्या आरज़ू मेरी
उसे शिद्दत से पाने की , उसे हर ग़म बताने की
हर राज़ की तरह ये भी दब गया मेरे सीने में
उन धड़कनों तले जो उभरी ही नहीं मेरे सीने में
लाख समझाया इस दिल - ए - नादान को
कि ना कर ये गलती इस जहां में
सब झूठ के पुतले है , मिट्टी से खेलते हैं
दिल्लगी करके भी चैन ना मिला
क्या खराबी थी ज़िन्दगी अकेले बिताने में
रो कर रह गया , जब टूट कर बिखर गया
कांधा ना मिला जब सर झुकने को
रात जब अकेली थी , आसमा का साया था
याद वो आया , जो कल अपना और आज पराया था
जी भर के रोया और टूट कर बोला
वो ही सही हैं जो इस दुनिया के ना हुए
हद में रहे और सुकून से जिए
ख़ाक ए ज़िन्दगी ने झुक के यूं कहा
वो कहीं खो गया
वो कहीं खो गया !!
© ज़ैनब बेग -
zainiwrites 124w
मां
ऐ मां ! तुझे यू लफ़्ज़ों में उतारना मुनासिब तो नहीं ,
पर हां गर मै कोशिश करू तो कोई बुराई भी तो नहीं !!
तुझे कैसे बताऊं , क्या नेमयत है तू
मेरे जैसे गुनहगार की खुशामदीद सोहबत है तू !!
तुझे पूरे दिन के बाद आंखें भर के देखना
यूं तेरा मेरी पेशानी को चूमना !!
तेरे होने से ही है , मैंने वजूद है पाया
तेरे आंचल के साए में मैंने सबकुछ है पाया !!
देख ना मां ! मैं कैसी बढ़ती जा रही हूं
तेरी दुआओं के सिले में कितना कुछ हासिल करती जा रही हूं !!
दर्द मेरी दिल की खिड़कियों को खटखटा रहे है
ऐ मा तू दुआ दे , ये गम के बादल फिर से छा रहे है !!
तेरी एक दुआ मुझे यूं बढ़ा रही है
जैसे समुंद्र की लहरें कश्ती को किनारे ला रही है
ऐ मां , मैंने तुझसे है प्यार सीखा
तुझसे है तो वफाओं का मतलब है सीखा !!
तेरी मोहब्बत से बढ़कर क्या काम होगा
ऐ मां , मुझ जैसी नाचीज़ से तेरा एहतराम क्या होगा !!
मेरी रूह में एक कपकपी सी दौड़ जाती है
ऐ मां , जब तू मस्ती में भी रुठ जाती है!!
खुदा करे तुझे से बिछड़ने का मंज़र ना देखूं
तू यहां रहे सलामत , और मै तुझे वहां से देखूं!!
© ज़ैनब बेग -
zainiwrites 127w
Ashiqui
Tum kehte ho ishq kreiy to samjheiy
Ashiqui kya cheez h ...
Tumhe ishq ko samjhane k lie log chahye
Goya hum to ishq me itna doobe hai k
Aashiqui ke nam se bhi ishq hai
© Zainabbeg -
zainiwrites 183w
Jo Kar sakte hai
Use na Karne ka dhukh
Sabse zada hota h !!
© Zainabbeg
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a_fallen_angel 124w
Love is like a psychopath...it should die, if it doesnt die...it kills!
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creativeworms 124w
Teri yaado mein khudko kuch zinda mehsus karti hu
Isliye qubool hai teri yaade par tera bewafa dil nahi.
©creativeworms -
vivek_mishra 211w
बांध कर रखने लगा हूं मैं अपने दिल को
क्यूंकि मुझसा सिर्फ मैं ही हूं यहां
❤❤❤ -
i_m_belal 211w
"Allah
The only realtionship where you will never have you heart broken Is your realtionship with Allah !
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manish_2701 212w
ये मौसम की बारिश कुछ याद दिलाती है,
ना चाहते हुये भी बचपन के दिनों में ले जाती है ..
वो बचपन की बारिश के मजे ही कुछ ओौर होते थे ,
उस बारिश को देख के कुछ बहाने पुराने होते थे ..!
स्कूल ना जाने को बहाने बनाना ..
माँ नहीं मानी तो पापा से सिफारिश लगवाना..!
वो मम्मी का कुछ नयी डिश बनाना होता था ..ओौर फिर सबका साथ में बैठ के मजे उड़ाना होता था.
वो पहली बारिश में भीगने का खुमार ही कुछ ओौर था,
वो कागज की कश्ती को पानी में बहाना होता था..
फ्री थे दुनिया भर की चिंताओं से ,
छोटी छोटी चीजों में खुशियां चुराना होता था ..!
अब तो आ गए इस मतलबी दुनिया में ,राह चलते बच्चों को देखना ओौर अपने दिन सोच के मुस्कुराना होता है ...!!
©मनीषवो पहली बारिश.....
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promeetsrivastava 214w
©promeetsrivastava
कहते है ख़ुदा की मर्ज़ी के बग़ैर एक पत्ता नहीं हिलता,
मग़र यहाँ देख़ो लोग तो अपने मन से ख़ुदा को हिन्दू-मुसलमां में बाटें जा रहे है. -
monika_kakodia 220w
तेरे इश्क़ की बारिश है तो सलामत हैं हम
वरना
दिलों की आग ऐसी है जला के खाक कर डाले
✍Mk
©monika_kakodia -
mrigtrishna 225w
हमने सुना है,घुट घुट कर जीने वाले,
कलम से स्याही बखूबी बहा लेते है।
©mrigtrishna
