आखरी वक़्त
जिंदगी के आखरी वक़्त में ,, मैं एक किताब लिखूंगा ,, उससे इश्क़ , महोब्बत और शिकायतें भी बेहिसाब लिखूंगा ,,कुछ गलती उसकी कुछ गलतियां मेरी ,, उसकी एक पुकार में मान जाना ,, किस्से चाय के भी हजार लिखूंगा
©writer_ahsaas_bansal
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परवाह
एक परवाह ही बताती है ,,ख्याल कितना है ,,
वरना ,, कोई तराजू नही होता रिश्तों में।।
©writer_ahsaas_bansal -
शाम
,, किसी शाम में उसके साथ बैठ कर ,,
,,,,,,, चाय पे चर्चा करूँगा ,,
के स्वाद उसके हाथो का होगा या बातों का ,, ,
जो भी हो,,
में कभी उसकी कान की बाली ,
नाक की नथनी तो कभी हाथो की चूड़ियों पे खर्चा करूँगा,,
©writer_ahsaas_bansal -
वजूद
के अब वक़्त बेवक़्त नही सोचता मै उसको ,,
ए_अहसास
उसके बोले तमाम झूठ ने , उसका वजूद घिरा दिया,,
©writer_ahsaas_bansal -
Ruhh
Aasan nhi hota yu kisi ka bhi hath thamna,,, E_Ahsaas,, ruh ko ruh se milana padta hai
©writer_ahsaas_bansal -
खुशियां
जब कहा मेने , खुशियां बेहद सस्ती हैं,,
महफ़िल से आवाज़ आयी ,,,
,,,,,अच्छा,,,,
जब कहा मेने , खुशियां बेहद सस्ती हैं,,
महफ़िल से आवाज़ आयी ,,,
,,,,,अच्छा,,,,
मेने कहा चन्द कागज के नोट लगते हैं ,,
ए_अहसास
कंही पे बेच दी जाती हैं ,,
कंही पे खरीद ली जाती हैं ,,
©writer_ahsaas_bansal -
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Barish
Use barish ki bunde achi lagti hai,, aur muje barish khil khilati hui wo
#Ahsaas
©writer_ahsaas_bansal
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pritty_sandilya 141w
वो तोड़ गए दिल अब बवाल क्या करें......
खुद की ही पसंद थी अब सवाल क्या करें.......
©prittysandilya -
शाम
कुछ किताबें कुछ शायरी एक कप चाय और तेरी बेहिसाब यादें
लो मैने एक शाम और गुजार दी
©princessprink -
pritty_sandilya 143w
ये सर्द हवाएं और तुम्हारी यादें
लगता है दिसम्बर फिर से करीब हैं....
©prittysandilya
