सत्य मृत्यु
अमृत कलश विध्वंश क्यूं?
सच शुद्ध अपारदर्शी,
जन्म आरंभ या अंत है,
सत्य मृत्यु,अर्थ क्या?
©unknownwriteranu
unknownwriteranu
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Instagram id keep smiling keep making smile ☺️ and do not hurt anybody in anyway...
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unknownwriteranu 48w
अमृत कलश विध्वंश है, क्यूंकि मृत्यु अमृत कलश के प्राप्ति के साथ सुरु हुई..., सच सुद्ध है पर आपरदर्शी है, मतलब हम ये जान ही नहीं सकते की वो सुद्ध है या नही,
जन्म आरंभ है या अंत की शुरुआत? क्यूंकि मनुष्य जन्म के साथ मृत्युके रास्ते पे चलने लगता है,
मृत्यु सत्य है.. ये तो सब कहते हैं पर इसका अर्थ क्या है...? -
unknownwriteranu 48w
मंजिलों की तलाश छोड़ के,
भुल के सब रास्तों को,
चुपचाप सा गुमसुम मैं कहीं,
आंख बंद कर चल रहा हुं,
दिन ढले तो खुश दिखूं मैं,
उगता सुरज आग लगे,
रातों को बना के साथी मैं अपना,
अंधेरों में सपने बुन रहा हुं,
जागते आंखों के सपने,
सच करूंगा, या हार मिलेगी?
हार-जीत की माया ना समझ,
जीत की चाह में लड़ रहा हुं,
गम अंधेरी रात है,
तो खुशियां दिन की रौशनी,
सच को छल,भर्म में लिपटे,
रात-दिन के खेल में शामिल,
ख़ुद का सुरज भुल रहा हुं,
✍@_anurag_sah.
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LOVEisHEAT or HEATisLOVE?
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unknownwriteranu 51w
Really... I don't mind
And "I'm devil of my word"
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Just a write-upI don't mind if you ditch me,
Break my heart and leave me alone
Coz one's devil said,
You'll suffer your own guilt....
©unknownwriteranu -
unknownwriteranu 51w
मेरे age के लड़के, even I am इस बात से इत्तेफाक तो रखते
है की करना क्या है life में पर इस बात को seriously नहीं लेते हैं,
हमें लगता है हमारी लाइफ एकदम perfect है आगे भी सब अच्छा होगा पर ऐसा है नहीं..
हम सोचते हैं, मेरे पापा अभी काम कर ही रहे हैं, घर की tension खाना,फोन का रिचार्ज, पॉकेट मनी सारी चीजें हो हीं जा रही है,
और आगे के बारे में मैंने सोच लिया है "अपनी पढ़ाई खत्म करूंगा फिर जॉब लुंगा बाकी सब perfect" सुनने में जितना perfect लगता है उतना perfect है नहीं.... बहुत सारी problems है जो आने वाली है, या आ चुकीं हैं पर दिखाई दे नहीं रहीं या फिर हम देखना चाह नहीं रहे हैं, जब हम उस हकीकत से रूबरू होंगे तब हमें असलियत का एहसास होगा की हमने क्या गलतियां की है या क्या गलत कर रहे हैं शायद तब तक देर भी हो गई हो .....
29/05/2021
18:57
@_anurag_sahLife in the books
@Anu
©unknownwriteranu -
unknownwriteranu 52w
Feelings...1
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unknownwriteranu 52w
तू दूर है मुझसे, क्या करूं?
तुझे याद करूं? या दुआ करूं?
तुझको बाहों में भड़के मैं,
दिन रात यूं ही देखा करूं,
तू दूर है मुझसे, क्या करूं?
तुझे याद करूं? या दुआ करूं?
तुझको सपनो में जो देखता हुं,
तेरी याद सुबह में आती है,
तु दूर नहीं है, मुझसे तो
ये दिल क्यूं दूरी बताती है?
दिल की बातों को सुनके अब,
हर रोज ही खुद से, मैं लड़ूं...
तु दूर है मुझसे, क्या करूं?
तुझे याद करूं? या दुआ करूं?.....।
तु पास मेरे अब आ जा ना
तुझे याद बहौत मैं करता हुं,
तेरी बातों को मैं लिख -लिख के,
हर रोज मैं हर -पल पढ़ता हुं,
एक बार मैं तेरे हाथों को
अपने सीने के पास धरूं,
तु दूर है मुझसे क्या करूं?
तुझे याद करूं? या दुआ करूं?
✍@_anurag_sah
#missing #love #yaadतुझे याद करूं...।
तू दूर है मुझसे, क्या करूं?
तुझे याद करूं? या दुआ करूं?
©unknownwriteranu -
unknownwriteranu 52w
बाहों को तेरी जरूरत है,
आ जा ना इन बाहों में,
मैं चलते चलते मर जाऊंगा,
अगर तु न मिली मुझे राहों में....।
©unknownwriteranu -
unknownwriteranu 52w
रास्ते गुम गए, मंज़िल की आस में,
और बैठे रहें हम साहिल कि तलाश में,
©unknownwriteranu -
unknownwriteranu 52w
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sachinkr_ 46w
पत्थर ये दिल नहीं,पत्थर तो तू है।
पत्थर ये दुनिया नहीं,पत्थर तो तू है।
यह समाज है बेटा जो जीने नहीं देता।
समझता तू खुद नहीं,पत्थर तो तू है।
#MEANDMYPEN
#WRITEAREEXPIREANCEME AND MY PEN-1
WRITE ARE EXPERIENCE -
the_spur 49w
गंवा मत खुबसूरत पल
झूठा अतीत,अदृश्य है कल,
जो है अभी,यही है पल
जीते चल,जीते चल।
चिंता का स्त्रोत भविष्य
अतीत तुझे जाएगा छल,
परिवर्तनशील संसार में
वर्तमान सदा अचल।
भविष्य खुद होगा सुखद
परिश्रम की ताप में जल,
गंवा मत खुबसूरत पल
जीते चल,जीते चल।
-प्रेरणा -
methass 52w
चल अब एक मुकम्मल सी कैद से खुद को रिहा करते हैं
मुस्करा कर अब तुझे खुद से अलविदा कहते है.....,
तुझसे दूरियां नही हुई हैं, बस खुद के अब करीब आ रहे है
तू अब बस ख्वाब है मेरा , और अब हम हकीकत की धूप का
एक टुकड़ा लबों से चख कर मुस्करा रहे हैं......
©methass -
methass 51w
चल एक साथ उस ऊपरवाले के दर पर सर झुकाते है
पास हो ना हों दुवाओं में साथ हमेशा रहेंगे…. -
happy81 52w
मोहे अगले जन्म, बस वृंदावन देना कन्हैया,,
चाहे ग्वाल बनाना या गईया..
.बस मोहे अगले जन्म वृंदावन देना कन्हैया....,,,
मैं अभागन वंचित बृज की गलियों से,,
मुझे नया जीवन दान देना कन्हैया,,
अगले जन्म मोहे,, वृंदावन देना कन्हैया....
खेलूंगी होली संग तेरे,, पहनूंगी तेरे नाम की चुनरियाँ..
ओ कन्हैया मेरे कन्हैया.....,,
मोहे अगले जन्म, बस वृंदावन देना कन्हैया,,
लिपटूंगी चरणों से तेरे,, सुनूंगी मधुर मुरलिया...
ओ... कन्हैया
माखन मिश्री का भोग लगाऊंगी..
हाथों से तुझको खिलाऊंगी...
तू कुछ खा पी कर मत आना कन्हैया...
बस जल्दी चले आना कन्हैया...,,
मोहे अगले जन्म, बस वृंदावन देना कन्हैया,,
हो सके तो मेरे प्राण ले लो..
बन चुकी हूँ तुम्हारी, मेरी श्वास ले लो,,
बस मुझको प्यार देना कन्हैया,,
बस मुझको प्यार देना कन्हैया...
मोहे अगले जन्म, बस वृंदावन देना कन्हैया,, -
words_of_apoorva 201w
Insaan ki samaj uss waqt bilkuul bhi samaj nhi aati hai!!!!!!!!!
.......... Jab vo smajte hue bhi kud ko barbadd kartaa hai............!!!!!!!!
©words_of_apoorva -
words_of_apoorva 76w
Yun gumsuhm mat baitho paraaye se lagte hoo.....
Koi miti bat nhi hai
....tho chalo jgada hi kar lete hai....
©words_of_apoorva -
words_of_apoorva 52w
Ek dost ....ek rishta ek kusi.
Socho tho sb kuch tm...
Aur dekho thoo ek ajnbi.
©words_of_apoorva -
jyotiawasthi 52w
प्रेम में डूबी लड़कियां,
दूसरी लड़कियों से कई गुना ऊलझी होती है खुद में, क्योंकि होती है इनके कंधों पर जिम्मेदारियां और मर्यादा की सीमाएं
इन्हें होती है प्रेमी से ज्यादा परिवार की जरूरत,
इन्हें चाहिए होता है प्रेमी के रूप में एक पिता, वो पिता जो अपने बच्चो के बड़े होने पर करने लगते हैं अपनी पत्नी से ज्यादा अपने बच्चों को प्यार, दफ्तर से आते लेकर एक साहित्य की किताब, सुनाते अपने बचपन के किताबों में
लिखें कविताओं का सार, बतियाते साहित्य, समाज, से जुड़े हर बात, नजरों को झुका कर नहीं नजरों से नजरें मिलाकर
करना सिखाते हैं बात, जो मन की पीड़ाओं को जान लेते हैं बिना पूछे, रोते चेहरों पर भी ला देते हैं हसी के ठहाको की बौछार, जो खिसियाने पर हाथ नहीं उठाते पर सोफे,बिस्तर, और टेबल पर फैले किताबों को उठा कर रखने लगते है उनकी जगह पर अधूरी लिखीं पड़ी कविताओं पर उठा देते हैं ऊंची आवाज़ जब करना ही नहीं था पूरा तो शुरुआत क्यों कि जब पढ़ना ही नहीं था किताबें तो किताबों की बात क्यों की रुला कर 9०’s के गाने सुना कर हाथ थाम गाने लगते हैं गानों की messup बना और गुनगुनाने लगते हैं दोनों सुरताल मिलाकर, ऐसा प्रेमी चाहती हैं वो ।
११:३५
८.५.२०२१
ज्योति
@gunjit_jain @syaahiii @fairytales_ @rani_shri @_himanshi__
@kefi_kat @fromwitchpen
@goofygirl @naadan_parinda @__priyaa:)
प्रेम में डूबी लड़कियां,
©jyotiawasthi -
हादसों के बीच जिंदगी का एक सिलसिला हूं,
दर बदर की ठोकरें खाकर अंत खुद से मिला हूं।
©chahat_samrat
