©Sneha's_gadhu
tds_sr_tbnu__shreyasi
It's harder to get me.Because I'm an Open-Hearted girl with a Complicated Heart! ✨ Visit @raakhaa_ to read the BEST ❤️
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©Shikha's_Paglu
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किसी साँसों के बस्तियों से गुजरना चाहती हूँ
फिर उसे पहचानने के लिए,
और न जाने क्यों ही हर बार
'किसी' के जगह 'श्रेयसी' लिखने का दिल करता है!
©Shreyasi Rath -
Wait.
What you said?
I deserve nothing in this world?
Well, okay. Nothingness lies within me.
And I deserve 'myself'.
©Shreyasi Rath -
tds_sr_tbnu__shreyasi 9w
Mein utniiii bhi achhi nhi hun..
Ki aapke liye dobara ek para likhun
Wp wala h yeh.. padhna h padho warna bhaad m jao @its_anuj
Yeh kon h? Oh haan.. aaj h naa propose dayy.. Ooo.. aaj janamdin h fir iska haan suno bhaiya heppyy barday aur jyada na fudko mat.. mujhe laga kal propose day tha tbhi aapko wish krdiya... Goshh last time aapke propose pe kisine kya popat banaya tha infact.. I remember all those posts jo aap humre liye kiye the infact wo dp? Chlo aaj fir se same rkhte hn I'm still a jasoos dekho aapka photo dhundh nikalaaur btao muh dikhayi kb krwa rhe ho bhabhi ki? Waise aapki saari preshani durr ho jaye sirf mujhe chhodkr khush rho❤️ -
I think you carry a wrongly printed dictionary.
No?
Then how you stated my 'discussions' as 'arguments'?
©tds_sr_tbnu__shreyasi -
tds_sr_tbnu__shreyasi 14w
If not every love story hv a happy ending then why love letters?!
Ghabrao mat.. love letters ki ending nhi hoti yeh aaj ki ending huyi h.. (To be continued some other day)
All parts at #overthink_tdsAn awkward relationship (Part-8)
My Dear Over thinking,
Shayad tumhe yaad ho... Pichhle saal mein 5 logon k kaafi kareeb gayi.. Unme se ek ko pata h ki iske baad mein kya krne wali hun kyunki wo mein khud hun.. Aur baakiyon k naam nhi bataungi kyunki darr lgta h unse durr jaane m aur iss baat ka pta mein unhe nhi lgne dena chahti.. aur aaj tak meine jis kisi k liye bhi likha meine unhi ko khoya h.. tum bhi mat socho ki mein yeh letter 'm' tumhe likh rhi hun kyunki mein toh bas yeh letter tumhe likh rhi hun.
Jb bolna rhta h tab toh bol deti hun ki "'Shreyasi' paribhasa m khud m beheti raaga hun mein,Yahan toote rishte aur dil bhi sil jate hn..Silne wali bas usi sui ki dhaga hun mein!" Pr jb baari aati h khudki tab darr lag hi jata h kyunki kisine kaha h "Nothing stays permanent."
Pichhli baar meine kaha tha tumse "mujhe chhune se pehle saamne bithakr niharo" aur usi wajah se tum abhi tak bas mujhe nihar hi rhe ho. Isko likhte likhte jo mere aansu iss kagaz k kuch shabd mitaate jaa rhe hn ki kahin unn 5 se koi padh na le aur meri wajah se pareshan na ho.. Aur tum mujhe niharte huye usi kagaz m aankhen gadaaye wo sb kab tak padh rhe ho? Ab bahut nihaar liya aansu poch bhi do na mere!
Love
Shreyasi
©tds_sr_tbnu__shreyasi -
tds_sr_tbnu__shreyasi 14w
Aree aapko serious hone ki jarurat nhi aap baaki parts padho bas #overthink_tds se...
An awkward relationship (Part-7)
My Dear Over thinking,
Pata h mein humesha kehti hun "My craze for pani will never end" pr aaj jb pani ka dhar, nadiyan, samandar, baadh sb aa gaye mere paas mein unse kuch pal durr rehna chahi.. mein tumhare saath wo kuch pal aise jeena chahi jaise prithvi ghum jayegi aur uske ghumte waqt hum roll roll hokr alag ho jayenge..
Mere iss illogical logic se aaj subha snapchat ko wo notification "Ms Shareer is typing" dikhata tbhi usko khol deti meine aaj wo msg aane ka baad bhi naa khola.. yahan tak ki meine uss bande jiske msg aayen toh mere haath apne aap lag jata h, uske wo daily good morning jisme ek badi si smile aur laal dil wali emoji rhti h aur uske reply m mein anginat ginti se "Good m 'O' laga deti hun, Morning m 'G' aur Bhaiya m jitna mann chaha utna 'A'" aaj meine wo bhi nhi kiya kyunki mujhe pta h ki usko pata chl hi jayega ki aaj mein uski blackmailer nhi mere overthinking ki overthinker ban gayi hun..
Last time jaise bahut kuch bol di thi na sbko(tumhe bhi) waise iss baar bolkr kisika dil na dukhau isliye subha se chup hi hun.. Chup se yaad aaya meine kuch dino pehle kaafi logon ko ek baat pucha tha "kya mein kbhi 2 min hi sahi pura maun bina kuch bole rhe skti hun?" Sbne kaha "kabhi nhi". Pr galat the sb, kyunki mein chup rhe skti hun jb meri khamoshi bolti h....
(To be continued.......)
Love
Shreyasi
©tds_sr_tbnu__shreyasi -
An awkward relationship (Part-6)
My Dear Over thinking,
Yaad h? Pichhli baar bhi kuch aisa hi haal tha na iss baar bhi h. Snapchat pe pani ka ek dhaar sa jisme jazbaat the unn dono k msgs, whatsapp m msgs ki nadiyan pr m uss nadi m utarna nhi chahti filhaal...
Meri bestie k chat m toh samandar h ki "kya hua h.. sunn hudna h hudle pr mere msg ka reply de de.. mar kyun rhi h saath m marna h hume aur akele mar bhi rhi h toh bata de mujhe ek tenor gif bhejna h tujhe tere marne se pehle" iss gehere samandar m jaane ka mera koi irada nhi tha.. maano mein bas durr khade uss samandar ko nihaar hi rhi thi ki ek badi se leher mujhe chhu gayi.. usne ek photo bheja tha toh bestie hone k naate mera farz banta h ki mein uske har gande photos apne phn m rakhun toh yahi sochkr mujhe wo leher ne chhuaa.. wo photo ek post tha jispe likha tha "We get hurt, we get happiness, we live moments but at the end of the day, do you believe that everything happens for good?" Aur jaise leher ne chhu liya tha mujhe meine bhi jara paer paani m dubokr likh diya "Yes I do". Fir? Fir kya aa gaya tsunami.. call maar diya usne aur fir mein tsunami se bachne k liye baar baar "kuch nhi hua" bolti rhi pr tsunami rukaa nhi chla kuch derr pr mein bach gayi.. wo "kuch nhi" se..
Pata h (To be continued........)
Love
Shreyasi
©tds_sr_tbnu__shreyasi
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gunjit_jain 3w
कौन तन्हा नहीं है दुनिया में
वक़्त बदलेगा हौसला रखना
©नौशाद मोहम्मद
@naushadtm इसी शेर की बहर में कुछ लिखने का प्रथम प्रयास
आप हमेशा एक प्रेरणा थे और रहेंगे सर
#nayab_naushad2122 1212 22/112
एक लौ दिल में वो जगाता था,
ग़ज़ल गीतों में मुस्कराता था।
याद बनकर वो दे गया यादें,
साथ वो यार क्या निभाता था।
बहर भटकी कहीं कोई गर तो,
राह उसको सही दिखाता था।
मुश्किलों में नहीं कभी डरना,
हौसला रखना वो बताता था।
था वो इंसा कमाल का 'गुंजित',
जीना क्या खूब वो सिखाता था।
- गुंजित -
aarti_singh 3w
**Hahaha , likhne ka mn hua to likh diya**
Aage likhu??
मैं छत पर तो आ गया था लेकिन शायद तारे ही चाँद से बात कर रहे थे या मानो मेरे जैसे कई परेशान लोगों की मदद में लगे होंगे।
इसलिए फिरसे मैं अपने गाने सुनने लगा और अचानक ये गाना बजने लगा ,
"कहता रहा वो , जाने दे मुझको ,
बेसब्री है , तेरी कमी है ,
आओगे तुम कभी ,
मेरी जान कह रही ,
गाएगा ये समाँ ,
गाएगी ये ज़मी ,
बदलेगा ये जहाँ ,
गाएगा आसमाँ ,
आओगे तुम कभी ,
मेरी जान कह रही"...
बस फिर क्या जान में जान आ गई।
"कैसे"??
"अरे , दो छत छोड़कर तीसरी पर तुम जो नज़र आ गई मुझे"।
"तुम वैसे बिना बताए मुझे उस दिन चली क्या गई मेरी तो साँसे ही रुक गई थी...ऊपर से फिर 7 दिन क्लासेस भी नहीं ली .... अरे तुम तो टॉपर हो तुम्हें कोई गम नहीं होगा क्लासेस मिस होने का पर मैंने मिस किया...."
"किसको?"
"तुमको!!" आई मीन हमारी कैंटीन में मुलाकात को ...
"खैर वो सवाल दुबारा कभी नहीं पूछुंगा शायद कुछ गहरी याद जुड़ी होगी उस पल से..."
"तुम भी न , कभी नहीं सुधरोगे.. हैं न ??"
"बेशक"...
रुको मैं अभी आया बस 5 मिनेट दो मुझे और हाँ इस बार बिना बताए कहीं गई न तो......
After 5 mins ,
"लो कॉफ़ी पी लो , ठंड बढ़ती ही जा रही है"।
"पर तुमने तो कहा था तुम्हें कॉफ़ी बनानी नहीं आती , फिर ये क्या ??बवासीर तो नहीं ला दिए(मस्ती में)"??
"हाँ हस लो तुम भी , वैसे हस्ते हुए भी तुम कमाल लगती हो पर कभी मेरा भी दिन आएगा जिस दिन मै तुम्हें tease
करूँगा उस दिन तुम सबसे खूबसूरत लगोगी। इंतेज़ार रहेगा उस पल का"।
"सच में कमाल की कॉफ़ी बनाते हो तुम , पहली बार बनाए हो लगता ही नहीं "
"पहली बार की चीज़ें अक्सर अच्छी होती हैं और यादगार भी"
"सही कहा तुमने बिल्कुल , जब तुम अपनी मम्मी के बारे में बता रहे थे तब पहली बार माँ के बारे में जाना तब मुझे अच्छा लगा जिस कदर तुम बता रहे थे मगर फिर अपनी माँ की याद आ गई.... और... और इसीलिए मैं वहाँ से चली गई... कभी देखा नहीं मैंने अपने माँ पापा को बचपन से ही साथ नहीं , मगर पूरा यकीन है बिलकुल उस चमकते सितारे सी दिखती होंगी मेरी माँ भी "।
#RP_VD (P_2)
( Aaoge tum kabhi ~ from the local train )"हाँ , बेशक" , "तभी तुम भी इतनी खूबसूरत हो "
"कुछ कहा क्या तुमने?"
"तुमने सुना?" थोड़ा शर्माते हुए ,
"नहीं , नहीं , कुछ भी तो नहीं " हँसते हुए काफ़ी ज़ोर से..
"मैं आइंदा तुम्हें ऐसी कोई बात नहीं कहूंगा ध्यान रहेगा अब मुझे और उस दिन के लिए एक बार फिरसे सॉरी"।
"चलो , अब मैं चलता हूँ । और सुनो , अपना ख्याल रखना और कभी माँ की याद आए तो मेरे घर आ सकती हो मम्मी को मिलकर अच्छा लगेगा तुम्हें"।
"हाँ , क्यों नहीं"
"गुड नाईट , और एक बात जब कभी अकेला फील करो गानों का साथ अच्छा रहता है , सुनना कभी"।
इतने में रुद्र का फ़ोन बजने लगता है और जो अलार्म उसने लगाया होता है 15 min ब्रेक खत्म होने का उसमें गाना बजने लगता है ,
" दिन तेरे बिन अब जी ना पाए
साँसे ना लेती रात
इश्क करे मेरे होठों से
बस इक तेरी बात
तेरी दूरी ना सहूँ, दूर खुद से रहूँ
तेरे पहलू में ही रह जाऊँ
तू ही समझ ले जो मैं चाहूँ
तू थोड़ी देर और ठहर जा सोणेया
तू थोड़ी देर और ठहर जा "
©aarti_singh -
aarti_singh 3w
Start from here....
"वंशु बेटा , और कितना पढ़ाई करोगे ? एक कप कॉफ़ी बना दूँ??" ऐसा अक्सर मेरी मम्मी मुझसे कहती हैं।
"बस माँ , 2 बजे तक निपट जाएगा सारा रिविज़न करके। हाँ , मैं कॉफ़ी बना लूँगा खुद आप जाकर सो जाइये आज काफी काम था थक गई होंगी आप भी" और ये मेरा जवाब होता है डेली का।
पर तुम्हें एक राज़ की बात बताऊँ , "मैं कभी कॉफ़ी नहीं बनाता , जब थक जाता हूँ गाने सुन लेता हूँ बस " , "ये बात मेरे और तुम्हारे बीच ही रहनी चाहिए तुम मेरी मम्मी से या फिर तुम्हारी मम्मी से कभी ज़िक्र मत करना , नहीं तो मेरी मम्मी खुद बनाके देंगी अपनी नींद खराब करकर"।
"वैसे तुमने बताया नहीं कि तुम क्या करती हो रात को ब्रेक के समय"।
दिव्या कुछ नहीं कहती बस रुद्र को एक नज़र देखती रहती है और ज़ोर से हग कर लेती है।
बस कुछ पल बाद ही...
"वो मैं... मैं... मुझे कुछ याद आ गया रुद्र , अभी मुझे जाना होगा अर्जेंट है। सॉरी , लेकिन मेरा जाना जरूरी है"।
रुद्र को कुछ भी समझ नहीं आता अचानक दिव्या को क्या हो गया कि बिना जवाब दिए ही वहाँ से चली गई।
बस इतना ही समझ में आया के जाते वक्त उसकी चुप्पी कुछ अलग ही संकेत दे रही थी और नीली आँखो में वो हल्के मोती की तरह चमकते अश्रु थे।
दोनों को मिले हुए ज्यादा समय तो नहीं हुआ था इन फैक्ट रुद्र दिव्या के बारे में ज्यादा जानता भी नहीं था लेकिन रिश्ता काफी मजबूत था। रुद्र बेचैन था इसी सवाल के जवाब की खोज करता रहता था बस। फिर हुआ कुछ यूँ की दिव्या पिछले 7 दिनों से क्लासेस अटेंड नहीं कर रही न ही रुद्र का कॉल पिक कर रही।
रुद्र को काफी टेंशन होने लगी एक अलग सी बेचैनी मानो दिल धड़क नहीं रहा था पर जिंदा था बस।
#RP_VDउस रात फिर रुद्र की मम्मी ने आवाज़ दी वही डॉयलोग कॉफ़ी वाला कहा और रुद्र ने न कहते हुए अपना सिर हिला दिया। इस बार मम्मी को थोड़ा अजीब सा लगा कि आज इसने न टाइम बताया कब सोएगा न ही मुझे सोने को कहा। "वंशु , बेटा कुछ बात है। आज कल देख रही हूँ कि खोया खोया सा रहता है । न बाहर जाना , न खेलना , न कुछ। NEET की तैयारी में कुछ दिक्कत या कोई और बात है जो तुझे अंदर ही अंदर खोखला कर रही है??" रुद्र के बालों में हाथ फेरते हुए पूछा। रुद्र ने बस कहा "ऐसा कुछ नहीं है मम्मी सब ठीक ही चल रहा है आप रेस्ट करिये , ओके?"।
मम्मी बस बेड से खड़ी होके 2 कदम चली ही थी उतने में , "मम्मी , दिव्या पिछले 7 दिनों से मेरे साथ नहीं है , न क्लासेस ले रही न मेरा फ़ोन उठा रही। मैं बहुत अकेला फील कर रहा हूँ जबकी आप मेरे साथ हो। ये सोच कर बस घबरा जाता हूँ दिव्या किस हाल में होगी , एग्जाम भी पास आ रहा है और ये न जाने कौनसी दुनिया में चली गई है जहाँ मेरा साया तक नहीं उसको प्रोटेक्ट करने के लिए"।
"सब ठीक हो जाएगा बेटा , अभी तू सोजा कल आराम से स्कूल से उसका एड्रेस ले लेंगे"
एक टाइट सा हग करके मम्मी चली गई।
"आई थिंक मुझे छत पर जाना चाहिए शायद थोड़ा बैटर फील करू तारों संग"॥
....
Ending this here only bcz of word limit...
Will continue...
©aarti_singh -
hindiwriters 3w
आप सभी @hindiwriters के पाठकों को kavita दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ :)
यह रचना है @vasudhagoyal जी की । उम्दा लिखा है वसुधा जी ।
पूरी रचना यह रही -
कवि जलाता अपने मन मंदिर में
कुछ शब्दों के दीप
उसकी लौ से प्रकाशित होता
जनमानस अंतहीन
कर देते झंकृत हृदय को
उसके शब्दों के बाण
सोचने पर मजबूर करता
होता जन कल्याण
जलाकर हिय में शब्दों की अग्नि
भरता जब हुंकार
सुनकर उसको रिपु भी सिहर उठता
होता सैनिकों का सत्कार
तलवार से भी पैनी होती
उसकी कलम की धार
युगों युगों से करता आ रहा
सामाजिक कुरीतियों पर वार
अपने मृदुल लहज़े से दे देता
ऐसे ऐसे ज्ञान
दार्शनिक राजा साधु हो
हो या कोई आम
सभी लेते उसके शब्दों से
भरपूर संज्ञान
भावना संवेदना अनुभव बोध विवेक
होते कविता के लिए आवश्यक
जग में कविता का अस्तित्व रहेगा शाश्वत
- वसुधा
#hindi #hindiwritersकविता दिवस
कवि जलाता अपने मन मंदिर में
कुछ शब्दों के दीप
उसकी लौ से प्रकाशित होता
जनमानस अंतहीन
कर देते झंकृत हृदय को
उसके शब्दों के बाण
सोचने पर मजबूर करता
होता जन कल्याण
- वसुधा -
tengoku 3w
She and poetry,
both are no different.
She smiles, she bleeds,
all at once.
-Ananya -
nidhi04 3w
मिलावट है यहां तारीफों में भी
कोई अच्छी नजर से करते है
तो कोई बुरी नियत से!!
©nidhi04 -
ये जो किताबों की सियासत में अव्वल आते हैं लोग,
अक्सर जज़्बातों की वकालत में हार जाते हैं...
©raakhaa_ -
political_guruji 4w
बहन सिर्फ़ इसलिए कि तुम लड़की हो सही नहीं हो जाती हो और सिर्फ़ इसलिए कि वो एक मर्द है, इसलिए गुनहगार नहीं हो जाता है!
मुझे नहीं पता कि आप क्या सोचते हैं कामराज के बारे में लेकिन मैं ट्रस्ट कामराज पर करती हूँ न कि उस फ़ेक-इन्फ़्लूयन्सर पर. और क्यों न मैं भरोसा करूँ इस शख़्स पर. ये पिछले ढाई साल से 4.5 की रेटिंग के साथ Zomato में काम कर रहें हैं. बक़ौल कामराज उनके पिता वकील थे और उनकी मौत काफ़ी पहले हो गयी. इस वजह से कामराज की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई. अब घर के इकलौते कमाने वाले शख़्स वही हैं. उनकी माँ को डाईबीटीज़ है और zomato की पॉलिशी की वजह से उन्हें अभी सस्पेंड कर दिया गया है. जबकि अभी ये तय होना बाक़ी है कि कौन सही है और कौन ग़लत.
बताइए उधर इनफ़्लूयेंसर साहिबा के फ़ॉलॉवर्स में ताबड़तोड़ वृद्धि हो रही है और यहाँ कामराज़ के घर में खाने और जीने मुश्किल पैदा हो रही है. आख़िर कब तक मर्द होने का ख़ामियाज़ा किसी भी मासूम को मिलता रहे और नक़ली आंसू और मेक-अप का खेल खेल कर सिम्पथी बटोरने का फ़ायदा इन फ़ेक-फ़ेमिनिस्ट्स को मिले. ऊपर से इन झूठे ड्रामों के वजह से अगर भविष्य में कोई लड़की सच में अपने ऊपर हुए किसी हमले का ज़िक्र करके शिकायत करेगी तो कौन भरोसा करेगा. हद होती है बेशर्मी की. जेंडर-इक्वॉलिटी की बात अब भी सिर्फ़ काग़ज़ी ही है. जो दबे कुचले और ग़रीब हैं चाहे वो किसी जेंडर से हो उन्हें इंसाफ़ मिलने में शायद वक़्त लगेगा ही!
©Anu?
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Between Nibba's
.....mela baby kya kal li hai
And Nibbi's mela babu thana thaya
...... The child called "school syllabus"
has a premature death !
©debashish_panda -
मैं
आग की लौ लपट नहीं,
अन्धेरी के चिराग सा मैं,
दिन के धूमिल क्षणों में,
हूँ गतिपूर्ण प्रयाग सा मैं।
तुम कब तक मुझको रोकोगे?
मैं अनंत प्रयास लगाऊँगा ।
तुम कब तक मुझको रोकोगे?
मैं पुन: त्वरित हो जाऊँगा ।
तुम मुझपर पत्थर फेंकोगे,
मैं उन्ही से महल बनाऊंगा ।
तुम जब जब मुझको "ना" कहोगे,
मैं तुम्हे असत्य सिद्ध कर जाऊंगा!
गर मैं ना कर सका तो कैसे और कौन करेगा?
मेरा परिश्रम अवश्य ही असफलता को मौन करेगा!
तुम कब तक मुझको रोकोगे?
मैं गिर गिर के फिर उठ जाऊँगा!
तुम जब जब भट्टी में झोंकोगे,
मैं स्वर्ण सा निखरता जाऊँगा!
©anmol_muskan
