सफेद चमकती चांदनी में दीवाने सब चादनी के
अंधेरों में किसका डेरा होता है ।
खूबसूरती की चादर में लिपटी दुनियां में
बदसूरत को कौन पसन्द करता है ।।
मोर और तोता पालने का शौक है जनाब आज कल लोगों को ,
अब यहां अब कौआ कौन पालता है ।।
©ruchi_yadav
ruchi_yadav
love is the bridge between you and everything poetry Mahakal
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ruchi_yadav 40w
कान्हा और महादेव जैसे की तम्मन्ना किसे है यहां अब
सबको चाहत है खूबसूरत हुस्न वाले महबूब की है ।।
यहां किसी एक जेंडर कि बात नहीं की सबकी की है
सबको खूबसूरती चाहिए ,
चाहे वो लोहे की रूह में लिपटा हुआ पानी का लोहे का सोना ही हो ,
काली चादर में रगीन रंग से सजी हुई दुनियां ,
सबको चाहत बस खूबसूरती की है ।।।।
और हर उस चमकती चीज की है तमन्ना है ,
जो बस देखने में खूबसूरत हो बाकी कुछ नहीं फर्क पड़ता है
बुरी हो भी तो चलेगी वो चीज बस देखने मै खूबसूरत हो
क्या कमाल की सोच है ??
नेक काम भी मन्दिर देख के हो रहे जितना बड़ा मन्दिर इतना अच्छा चढ़ावा चढ़ाया वैसे फल मिलेगा ऐसा है कुछ खेल खूबसूरती का ☺
नेकी करना नहीं काम अब बस दिखावे का दौर है
जो भी उसका शूकर करिए वो भी मिलेगा जो मिला नहीं इसकी आशा करिए
अच्छा करिए लोग बुरा करते रहेंगे -
ruchi_yadav 41w
मोटिवेशनल बातें तो सब नहीं जानते या सुनते हो,
पर कान्हा के बारे में सब जानते है
उन्होंने सुदामा की मित्रता को याद रखा और उनको उनकी दोस्ती को निभाया
भी ,
अर्जुन का मान रखा महाभारत में हर पल उनको सारथी बन के उनको उनके धर्म और सत्य का ज्ञान कराया ,
द्रोपदी की लाज की रक्षा की उनकी रिश्ते की लाज बचाई।।
तो हमे अपने धर्म से अपने पूज्य भगवान से सीख लेनी चाहिए
उनके ,कर्मो को अपने जीवन में उतारना चाहिए
श्रद्धा का मतलब सिर्फ पूजा करना दिया जलाना नहीं है
तप से प्रसन्न करने के साथ उनके जैसा आचरण अपनाना चाहिए
कृष्ण को दिल में बसाया है या किसी को भी तो उसके जैसे अपने आपको बनाओ
दिल में और मन को कृष्ण बनाओ ।।।
अपने जीवन को प्रभावित करों उनके जैसे विचार ला कर यही सच्ची श्रद्धा है
सच्चा प्रेम है ।
एक बात जो लोग बोल जाते है कि कृष्ण की हजारों रानियां थीं और हा कहीं कोई प्रमाण नहीं है कि कृष्ण की हजार रानिया थी सब लोगो की बनाई बातें है,
जो कथा में लोग सुनाते है वो सच नहीं सब ,
तो को भी ये बोलते है कान्हा के बारे में ऐसा ना बोले ,,
कान्हा जी यदुवंश कुल के थे ऐसा कहा गया है ।।
ऐसे काम करे जो आपके कुल आपके वश को इज्जत दे
अपने बड़ों का आदर और सम्मान आपको छोटा नहीं बनाएगा ।।
राधे कृष्ण
खुश रहिए सबको खुश रखिए और
दिल में सच्ची श्रद्धा रखिए किसी लालच में नहीं
मन में राम बसाओं या कृष्ण , दोनों एक है
महादेव को बसाओ या बजरंग बली को जिसको भी बसाओ
पर श्रद्धा रखो ।।
लोभ या लालच नहीं
,, जो भी लिखा उसमे मै गलत हो सकती हूं आपको कुछ भी गलत लगे तो जरूर बताइए
Disclamer- ये कुछ भी गूगल नहीं किया को कहा वो मेरे अपने शब्द है तो
बताइएगा कुछ गलत लगे तो ,
बाकी कान्हा जी माफ करनाराधे कृष्ण
प्रेम में त्याग क्या होता है - त्याग वो जो मीरा ने किया था
प्रेम में त्याग सीखना हो तो मीरा से सीखिए
प्रेम क्या है - प्रेम वो है जो राधा ने किया था ,
प्रेम करना है तो राधा से सीखिए
रिश्ता क्या है कैसे निभाया जाता - ये सीखना हो तो वो रुकमणी ने सीखिए
दोस्ती कैसे निभाई जाती - ये सीखनी हो तो कान्हा से सीखिए
निश्छल प्रेम क्या है - ये सीखना हो तो देवकी माई से सीखिए
©ruchi_yadav -
ruchi_yadav 41w
सावन मास के आरम्भ पर आप सबको बहुत शूभकामनाए महादेव आप सबको अच्छी सेहत और जीवन में प्रेम और खुशियां प्रदान करे,
कोई भी कार्य किसी लाभ के लिए ना करे ,
वो करे जो अपना मन करे ,
लालच और लोभ इन्सान को लोभी बना देता है और लोभ कभी खुश नहीं रहने देता ,, तो किसी लालच में कोई काम ना करे
दिल से प्राथना करे महादेव को उनकी भी सुनते जिनको कोई नहीं सुनता,
हर प्राणी उनके लिए समान है ।।
खुश रहे और सबको खुश रखने की कोशिश करे
सबसे बड़ा खुदा इन्सान है उसको दर्द ना दे ना ही किसी अन्य जीव को सब का बराबर का अधिकार है ।।
मन को शुद्ध रखिए कपड़े अशुद्ध भी हो तो कोई फर्क नहीं पड़ता है,
आचरण और बोली में मधु जैसी मीठी इन्सान हो या भगवान सबको प्रिय है
बोली को सरल करे हर किसी को कड़वा सुनने की आदत नहीं होती ,कुछ लोगो का मन नाजुक होता है आपके तीखी बातें उनको आघात पहुंचा सकती है
अपने आप को खुश करना अच्छी बात है पर किसी को बुरा बोलना ये अच्छी बात नहीं , खुदा की इबादत करना व्यर्थ है अगर आपके शब्द किसी को पीड़ा देते है ।।
कबीर जी ने कहा है
" ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोए,
औरन को शीतल करे अपहू शीतल होय "
हर हर महादेवMahadev
कदम भले ही शिवाला तक ना पहुंच पाए
मन के विचार , आपके शब्द और आपकी आत्मा अगर साफ हो तो आपको किसी शिवाले या मन्दिर जाने की जरूरत नहीं महाकाल खुद आपके करीब रहेंगे हमेशा ।।
दिल में सच्ची श्रद्धा महादेव को करीब लाने का सरल उपाय है,
वो ना हजार बेल पत्र से प्रसन्न होने ना दूध दही के पंचामृत अभिषेक से
ना ओम के जाप से ,
सच्ची श्रद्धा से चढ़ाया हुआ बेल पत्र हो या धतूरा , मदार उनको सब स्वीकार्य है ,बस हृदय में प्रेम हो आपके वो आपके करीब होंगे हर वक्त
©ruchi_yadav -
ruchi_yadav 43w
कोई कितना भी गमगीन लिख देता है लोग उसपे वाह वाह बोलते है
पूछा करो हाल ए दिल क्या पता कोई जान बच जाए इससे
सब कोई वाह , कोई उम्दा ,कोई क्या बोल देता है लोग जो लिखते है बहुत से बेवजह लिखते है जो असल दर्द होता वो लफ़्ज़ों से होकर दिल तक चला जाता है
ये बहुत दिन पहले dairy में लिखा था
कल देखा jaun Elia का ऐसा है ser लिखा है किसी ने कल स्टोरी में लगाया था socha ap sub se share karu
. उनको कॉपी नहीं किया aisi jurrat nhi
ये जो भी लिखा पता ही नहीं था कभी नहीं ना पढ़ा था ,,
की ऐसा उन्होंने लिखा है ..
सोच तो एक जैसी हो सकती है
नजरिया एक जैसा मिलना बहुत बड़ी बात होती हैदात देने की लगी है ऐसी लत की निकाल कर जिस्म से खून का हर कतरा उससे लिखो कोई ग़ज़ल सब वाह ही करेंगे
दर्द चाहे जो भी हो कोई ना पूछेगा हाल सब वाह वाह और कमाल ही कहेंगें। ।
© रूचि yadav -
ruchi_yadav 43w
अब कोई नेता के लिए स्पीच लिखेगा
तो बताओ फिर वो खुद कितना बड़ा फेकू होगा
Comman sense ही नहीं अब समझ आया
तो किसी की बातों में आ कर मोहब्ब्त मत कर बैठना
मौसम शहर का ऐसा है चाल चलते है सामने वाले के पत्ते देख कर लोगगंभीर मुद्दा
वो लिखती थी नेता के लिए भाषण
मै ठहरा पागल उससे इश्क़ कर बैठा
देखा जब अपने ही इलाके का हाल
होश आया ये क्या और किस्से कर बैठा
©ruchi_yadav -
ruchi_yadav 43w
Look at your behaviour first ❣
they speak so bittry and blame you ... your behaviour is not goodApne Lahje Me Vo Gour Nhi Karte Hai
Tumahre Lahje Pe Vo Bada Gaur Karte Hai
Jis Lahje Se Vo Bolte Hai
Usi Lajhe Me Bol Du To Vo Jaan De De
©ruchi_yadav -
ruchi_yadav 43w
बिन बताए चले जाने का गम hota है। कोई चला जाए या साथ छू ट जाए तो
अल्फ़ाज़ बहुत होते है पर एहसास भारी हो जाते तो दिल दिमाग सब कुछ बन्द हो जाता
और जो महसूस होता है वो बयान करना बहुत मुश्किल होता है
जो भावनाएं होती है उनको बयां करने की कोई भी basha नहीं होती है
जब कोई ज्यादा दर्द में होता वो बस खामोश हो जाता है
महाकाल कहते है मैं अपने भक्तों को कभी नहीं तकलीफ में नहीं देख सकता
पर कोई अपका भक्त चला गया आप खामोश हो के देखते रहे ।।
Sजुबान खामोश है बस तेरे जाने का मलाल है
बहुत से सवाल है जो बस सवाल है
©ruchi_yadav -
ruchi_yadav 43w
अच्छा देख के सब आ जाते करीब बात तो उसने है जो खामियों के साथ अपनाए
रही बात रिश्ते कि तो
उसका साथ कभी मत छोड़ना जो बुरे वक्त में साथ रहा हो
अच्छे वक्त में यार ही यार में बुरे में कोई यार नहीं होता है
रिश्ता कोई भी बनाओ तो दिल से निभाओ नहीं तनहा रहो
सब ये कर रहे मैं भी करू
एक के साथ दस घुमाऊ ये सोच को बादलों
किसी रिश्ते में होकर भी लोग बेवफाई करते है
किसी रिश्ते में रह कर किसी दूसरे से रिश्ता रखना
हो सकता है दोस्तो की नजर में तुम महान बन जाओ
की एक साथ कितने को घुमाती या घुमाता है
कभी आत्मा अगर ज़िन्दा हो मरी ना हो तो
सोचना और पूछना
जो कर रहे वो सही है कि गलत हैकुछ बाते बुरी सुनके रास्ते बदल लिए हो जो डर के
ज़िन्दगी भर क्या साथ दोगे निडर हो के
रिश्ता सबको चाहिए पर आसान सफ़र हो ऐसा हमसफ़र हो
ज़िन्दगी है बहुत मुश्किल बताओ कितनी दूर तक साथ फिर चलोगे फिर
बाते बुरी सुनकर हाथ छोड़ दिए जो ,
कल के बुरा वक्त आया तो क्या करोगे
जो मुसीबतों से डर के साथ छोड़ देने की बात करे , उसका साथ कभी मत करना
तनहा रह लेना पर सिर्फ अच्छा सुनके साथ चलने वालों के साथ मत चलना
बुरा होकर जो अपनाए तुमको अच्छा होने पर वो गर्व करेगा
कोई तुमको पसन्द करे इसलिए किसी भी इन्सान से अच्छे बन कर ना मिलना
जो बुराई को स्वीकार कर लेगा
वो ही ज़िन्दगी की हर मुश्किल में साथ देना ।।।
कमी और खामियों के साथ जो अपनाएगा
वो ही हर सफर में उम्र भर साथ चलेगा
रास्ते में कंकड़ हो तो रास्ता ना छोड़ दे जो
जो पत्थरिलें रास्तों पे चल सकेगा वो आसान सफ़र में भी हाथ थाम के रखेगा ।।
©ruchi_yadav -
Koi khusiyo ki dua karta hai koi mut ki
Marna koun chahta hai yha apne ap se
har kisi ka khoon hota hai yha ....
©ruchi_yadav -
ruchi_yadav 44w
ऐसे वीर सपूतों को सलाम है जिन्होंने देश के लिए अपने जान दी
बिहार रेजिमेंट को दिल से सलाम
मोहब्बत होती है देश के लिए
रोटी तो बरतन साफ कर के भी मिल जाती है
ना खाने का वक्त ना बात करने का समय भी नहीं होता है
दिल में मोहब्ब्त होती है और दर्द अपनों से दूर होने का होता है ,
लोग बोल देट को खाना खाने के लिए वर्दी पहन लेते है ,
तो खाना तो हर किसी को मिल जाता है
कोई रोटी खाने नहीं जाता है फौज में
नम आंखों से जो कहते है गर्व की बात है
उस मां और पिता के दिल से पूछो कितना दुख है अपने बेटे के, खोने का
किसी के दिल के दर्द को कोई नहीं समझ सकता है उसने जो खोया वो कभी वापस नहीं आयेगा ,
किसी बाप से पूछो बेटे को कन्धा देना क्या होता है
गर्व की बात देश के,लिए उसके गांव शहर के लिए है
उसके अपने के, लिए गर्व उनकी जिंदगी का होना ही गर्व है ।।
बहुत दुखद है ये छड़ ,जिन्होंने अपनों को खोया है ।। और गर्व भी है अपनी सन्तान पर ।
इन्सान बने देश से प्यार करे
Respect everyone be indian
Proud to be a Indian
Desh se pyar kare dharm se pahle desh hai
जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम
धधकती ज्वाला सा हूं ,बादलों की गर्जन हू
मैं देश वीर सपूत हूं ।।
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chahat_samrat 39w
नजरंदाज
नजरंदाज करते हो तो ,
हम पर नजर क्यों रखते हो!
मेरे से मतलब नहीं तो महफिलों में अपनी ,
मेरे शजर क्यों रखते हो!
माना नहीं रह पाओगे मेरे बिन,
फिर आंखो में ये बेवजह का जहर क्यों रखते हो!
रह रह के तिरछी नजर डाल देते हो,
ये ना चाहते हुए भी लोगो की नजरो में कहर क्यों भरते हो!!
©chahat1samrat -
sanjay_kumr 39w
@jigna___ Didi ने आज का विषय " क्या लिखूं "रखा है,
तो मैं अपना कुछ पंक्तियां आप लोग के सामने प्रस्तुत करना चाहता हूं।
@dil_k_ahsaas @kri_k_sni
#abhivyakti26 #mirakee #writersnetwork #maahii #thought_of_the_day_isक्या लिखूं !
क्या लिखूं....
बिखरते ख्वाब लिखूं या
अपने टूटते सपने के बारे लिखूं।
क्या लिखूं....
लिखूं अपने आंखों का आँसू या
फिर तेरी आँखों का ही रुआब लिखूं।
क्या लिखूं....
तेरे इत्र का सुगंध लिखूं या
तुझे तितलियों सा खूब लिखूं।
क्या लिखूं....
तुझे दुनिया से अनजान लिखूं या
फिर तेरी आँखे ही बंद लिखूं।
क्या लिखूं....
अपनी खुशियां लिखूं या
अपने दर्द भरे आंसू लिखूं।
क्या लिखूं....
वह बिताए हुए लम्हे लिखूं या
तुम्हारे साथ फोन मैं किए हुए बातें।
क्या लिखूं....
पल बिताये साथ लिखूं या
वो पहली मुलाकात के बारे लिखूं
क्या लिखूं....
लिखूं तुझे खुद की क़िस्मत या
फिर आंसुओं की ही बरसात लिखूं!
©sanjay_kumr -
suvarna_chavan 39w
"विवाह" एक सवाल
मानो जिमेदारियो का "बवाल"
कोई इसमें "ख़ुश" तो कोई
"नाख़ुशी" में भी "मुस्काय"
मन ही मन देख कुवारों को
ये "जलन" का "सुकून" पाय
©suvarna_chavan
18/07/2020 -
goldenwrites_jakir 39w
हर एक रास्तो पर मिल जाते है वो
ना चाहते हुए भी टकरा जाते है वो
बचकर चलते है हम उनसे हर पल
फिर भी ना जाने क्यों मिल जाते है वो
किसी के पास दो बक़्त छोड़ो एक बक़्त की रोटी नहीं
फटे हाल से जिंदगी गुजारते है वो ..
जहाँ मिले जगह बहाँ घर बना लेते है वो
फुटपाथ पे रहने वाले हम इंसान को खुदा बना देते है वो
हर एक मौसम हमारे लिए त्यौहार है
उनके दिल से पूछो गर्मी - सर्दी - बारिश ये सब अभिसाब
धुप में छाव को तरसे -- सर्दी में कपड़ो चादर की लिए रोते
बारिश में घर आँगन छत के लिए रोते
क्या जिंदगी है ये दर्द का एक लम्हा उन इंसान से पूछो
हर एक धर्म के लोग है मिलते हर एक रंग रूप के लोग है मिलते
फिर फ़र्क़ केसा हम इंसानों में इंसानों के लिए
किसी के पास इतना और किसी के पास कुछ भी नहीं
ये जिंदगी हमारी कितनी बेईमान है
रख कर नकाब इंसानों का हम जानवर से भी बेहाल है
देख कर सब कुछ हम खामोश है ....... ।।
अब हिम्मत नहीं आगे कुछ और लिखूं - थम नहीं रहे आँखों से आँसू
ज़ब भी सोचूँ खुदको कमजोर सोचूँ --- कुछ कर नहीं पाया अपनी जिंदगी में -- में फिर केसे खुदको इंसान सोचूँ ।।
.... #abhivyakti28 @fairygurl @sanjay_kumr @malay_28 @rnsharma65 @jigna___.
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rangkarmi_anuj 40w
कविता
हृदय के कंपन
मस्तिष्क और मन से
निकले भाव का मंथन,
जब शब्दों से लय
शांत और प्रलय बनकर
एक रचना वशीभूत
कर देती है,
और
मनुष्य के विचार को
ज्वालामुखी की भांति,
फटने के बाद समाज में
भूकंप का आभास
दिलाये जो सत्य
असत्य को दिखाए
कभी गीत बने कभी
राग कभी मौन कराए,
ये कविता है जो
साधारण मनुष्य को
असाधारण कवि बनाये।
©rangkarmi_anuj -
rangkarmi_anuj 39w
क्यों लिखूँ
दिल के जज़्बात
खाली पन्नों पर उकेर कर
अपनी कलम की स्याही से
दूसरे का दर्द क्यों लिखूँ,
घट रहा है जो आस पास
मर रही सच की किताब
बिक रहे हैं सारे खिताब
वो तारीफें क्यों लिखूँ।
लिख भी दिया गर
ख़ुद के छिपे दर्द
औरों की हँसी ख़ुशी
झूठी सौगात क्यों लिखूँ,
दिखना बंद हो जाता है
सब धुंधला नज़र आता है
कोई पर्दे पर छिप जाता है
उन झूठों के लिए क्यों लिखूँ।
इंसान को जब इंसान से
प्यार ही नहीं है
ज़ुबान में मीठी बात नहीं है
ये मोहब्बत पर क्यों लिखूँ,
सुनने के लिए वक़्त नहीं है
सुनाने के लिए लोग नहीं है
सच्ची महफ़िल नहीं है
नज़्म गज़लें क्यों लिखूँ।
चारो ओर मौन है
यहाँ पर अपना कौन है
अब तो सिर्फ़ खून है
किसी के लिए क्यों लिखूँ,
जेब में काली कमाई रखी है
सबने चश्में पहन रखे हैं
आप सब बताओ मुझे
मैं आख़िर क्यों लिखूँ।
©rangkarmi_anuj -
वो महफ़िल से उन्हें ऐसे छोड़ गए,
पीछे ये भी नहीं देखा कि वो क्या कर गए!!
अपनी बाहों को किसी के कंधे पर रख ऐसे गए,
जैसे उनके कितने पुराने रिश्ते हो गए!!
एक बात समझ नहीं पाए,
गुरूर किसका था किसको दिखा कर गए!!
यूँ तो उनके शराफत की लोग मिसाल दिया करते थे,
फिर आज ये क्या था जिसे एक पल में ही मिटा गए!!
©shiv__ -
एक अरसे बाद ही सही उसको मेरी याद आई,
कल का तो पता नहीं पर वो आज मेरे लिए चाय लाई!!
©shiv__ -
ख़ामखाँ तुम इतनी खूबसूरत लग रही हो,
क्या पता मेरी नज़र ही लग जायें!!
©shiv__ -
कैसे सुलझेगी ये पहेली,
जब आँखों में आँसू और चेहरे पर मुस्कान है।।
©shiv__
