Love this song
कागा रे कागा रे मोरी इतनी अरज तोसे चुन चुन कहियो मांस कागा रे कागा रे मोरी इतनी अरज तोसे चुन चुन कहियो मांस रे जिया रे खइयो ना तू नैना मोरे खइयो ना दो नैना मोरे खइयो ना तू नैना मोरे पिया के मिलन की आस खइयो ना दो नैना मोरे खइयो ना तू नैना मोरे पिया के मिलन की आस
rohitsrivastva
Itni sakti hme dena data
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rohitsrivastva 21h
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rohitsrivastva 21h
Love this song
महफ़िल में तेरी हम ना रहे जो ग़म तो नहीं है ग़म तो नहीं है किस्से हमारी नजदीकियों के कम तो नहीं है कम तो नहीं है कितनी दफा सुबह को मेरी तेरे आँगन में बैठे मैंने शाम किया चन्ना मेरेया मेरेया -
rohitsrivastva 22h
तमाम उम्र मुहब्बत मे हम सबूत जुटाते रहे वो मांगता रहा और हम दीखते रहे
कभी मासूका ना बनने दिया उसने हम जब भी पास आये वो गलतियां गिनाते रहे
कभी उसे कुछ अच्छा ना दिखा हम्मे हा हम्मे जो गलत ना था वो भी हमें दीखते रहे
मुहब्बत ना हुआ मुकदमा हो गया वो खुद जज था और हम मुजरिम वो दफाये बेहिसाब हमपे लगाते रहे
हवस को नाम दे रखा था उसने मुहब्बत का साहब बिस्तर पे हम कई बार रोये और वो मुस्कुराते रहे
जिन्दा लास बना दिया है मुहब्बत ने हमें के वो नोचता रहा हमें और हम चिलाते रहे
किसी ने कहा था मुहब्बत रूह से होती है खुदा कर नूर है इसमें वो रोज हमें अपने ही नजरों मे गिराते रहे
इस कदर तोरा है मुहब्बत ने हमें के अब डर जाते है नाम से आँखे खुद बंद हो जाती है हाथ कपकपाते रहे
मेरी कलम
©rohitsrivastva -
rohitsrivastva 22h
माननी हर बात लोगो की परे जरुरी है क्या
सही को गलत गलत को सही कहने की कोई मज़बूरी है क्या
हा माना आज दुनिया कर रंग बदला है तरिके बदल गये है
मगर मिलावट मुहब्बत मे भी हो बतावो ये जरूरी है क्या
के गलतियां तुम बेसुमार करो और माफ़ी मग लो हमसे हम हमेशा माफ कर दे ये जरूरी है क्या
मुहब्बत ना संभाल पावो तो रेहने दो साहब कोई और कर रहा था ये देख के करना जरूरी है क्या
मेरी कलम
©rohitsrivastva -
तेरे हर सावल कर जबाब लिखा है
पहली बार मैंने कोरे पन्नों पे मुहब्बत बेसुमार लिखा है
मुझे पाता है तू गलत नही है किसी भी ख्याल से
गलतियां मैं ही करता हु इसलिये चीठी मे मैंने खुद को खराब लिखा है
मेरी कलम
©rohitsrivastva -
मुहब्बत है ये कारोबार नहीं जो हिसाब किताब लगाया जाये
कितना नुकसान हुआ किया मुनाफा ये बताया जाये
कौन सोचता है मुहब्बत करने से पहले क्या हिस्से मे आयेगा
कौन साथ देगा कौन छोड़ के जायेगा ये मुहब्बत से पहले कैसे पता लगाया जाये
मेरी कलम
©rohitsrivastva -
कलम कभी छोर के नही जाति
दर्द कागज पे निखार के नहीं आती
लोग पुछते है हमसे कोई पुराना तालुक दर्द से आपका
पता है साच बोल रा है वो बस ओठो से हमरे मुस्कुराहट नही जति
मेरी कलम
©rohitsrivastva -
जहेन पे याद देने से भी याद आता नहीं के क्या देखते थे
हम घंटो बैठ के तेरी आँखो मे क्या देखते थे
हमारी आँखो का रंग लाल देख के तू जब भी पूछता था क्या हुआ
कैसे बताये कितना रोते थे जब तुझे किसी की बाहो मे बेवजा देखते थे
तेरी मुहब्बत ने मुकमल बनाया हमें तू हमें चूमता था तो हम घर जाके देर तक आईना देखते थे
मेरी कलम
©rohitsrivastva -
कुछ पुराना याद आता है
वो गुजरा जवाना याद है
हमने जब भी उठायी कलम अपनी खुशिया बया करने को
वो हमारा बिता जवाना याद आता है
मेरी कलम
©rohitsrivastva -
मेरी मुहब्बत ने भी क्या कमाल दिखया है
मेरी मुहब्बत मेरी मयीयत मे मेरा दुपटा ओढ़ के आया है
देखो पूछता है वो सारेयाम मेरे मारने की वजेह सब से
कम्बख्त वो बेकसूर बन रहा है जिसने हमें यहाँ तक कर राश्ता दिखया है
मेरी कलम
©rohitsrivastva
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Wafadar ladki ki insaniyat h.
Ki woi tumse apna waqt mangegii
Doulat nhi.❣️
©officialgirl1432 -
dilke_alfaz 10w
Mukaddar
Saja na de khud ko ki galti teri na thi. Shayad dono ke mukaddar me ye mohabbat na thi.
©dilkialfaz -
dilke_alfaz 10w
Hal Ae dil
Pareshan dil h mera, tufa tham ta hi nahi lagta h kisi ka ahsas ghar kr gya .
©dilkialfaz -
dilke_alfaz 10w
Chalna hota h
Ha aasan nahi yu bikhar ke judna , yu khudki fir se shuruat krna, pr fir bhi chalna hota h girte padte huye sambhlna hota h or ye safar yuhi tay krna hota h.
Man chahe n chahe khud ko khud ki takat ban ke sawarna hota h. -
dilke_alfaz 10w
Kuchh Yu kr dete
Mumkin hota to yah bhi kr dete tujhe meri umar ke sare sal de dete
Tere har ek pal ko khushnuma kr dete jaha me n hota kisi ke pass wo nayab taqdir bhi tujhe de dete
Rok dete har gum ka rasta teri zindgi ke safar ke liye
Tere kadamo me khud ko hi bichha dete.
©dilkialfaz -
di_hearted 12w
Ek kahani
Ek kahani aisi jo lafzon se pare hai,
Hoth hain khamosh lekin baat kar rahi hai nazar
Sham ke dhalte hue surkh rang ka,
Dil pe dheere-dheere ho raha hai gehra ek asar
Ye hawa jo guzarti hai chu ke haule se,
Kar rahi hai hume lamha-lamha besabar
Chand ki bikharti hui chandani mein,
Jaise har pal jata hai chupke se theher
Samne wo mere baithe hain,
Aur aakhon ke paani pe jaise jazbaat ruk hi jaate hain
Behne lagta hai pyaar mera dekh ke unhe,
Kehte hain wo ki kbhi jo bichde hum to ye mohabbat hogi unki meher
Ek kahani aisi bhi,
Jisme baat krti hai sirf nazar -
reshma_kausar_mohideen 13w
*LANGUAGE OF HINDUSTAN.*
The first word I blabbered,
The first word I heard,
Belonged to a language,
Sweeter than the melodies of a bird.
That runs like blood through my nerves,
That keeos moisten my tongue's curves,
Helped me assimilate other dialects,
The pivot ,as a benchmark it serves.
Languages in multiple forms and diverse,
Still I need Hindi to converse,
With those who authored each of my life's page,
With those I befriended in my life's initial stage.
Words I utter at a sudden fall or cut,
Words I murmur when I am supposed to keep shut ,
I do treat my tongue with other languages but
That contents in true sense, is hindi ,when heard.
Words I'd utter when I lie unconscious,
Or when my tongue gets too crinkled to utter,
Belongs to the language of my nation,
In which Indian winds blow & the tri-colour is made to flutter.
*Reshma kausar Mohideen*
*Insta Handle: sword_of_word_86.*
#mirakeeworld
#mirakee
#writersnetwork
#writerscommunityHINDI
©reshma_kausar_mohideen
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भेद_भाव?
अब किससे हम फरियाद करें।
जब कानून के रखवाले ही गलत व्यक्ति का चूनाव करें।।
©desire_at_fire
#Navya_shukla -
priya_sandilya 14w
{09-01-2021}
मेरे परम पूज्य परम गुरु बाबाजी
आपके इस पुण्य तिथि पर
भाव पूर्ण श्रद्धाजंलि
हे भगवान् मेरे दादा जी का ख़्याल रखिएगा।
थोड़े संकोची है मेरे बब्बा ,
अपना दुःख किसी को बताते नहीं ,
और अपनी परेशानियों को वे जताते नहीं ।
Miss you so much babajiहमको हमारे इतिहास से जोड़ने वाली
एक और कड़ी आज के दिन टूट गयी।
दादा जी के हाथ में जो हमारी डोर थी,
हमेशा के लिए छूट गयी।
कलम पकड़ना सिखाया जिसने,
आज उनके लिए कुछ लिख रही हूं।
पिता से बढ़कर स्थान है जिनका,
हां बाबाजी आपके लिए लिख रही हूं।।
बचपन की ये प्रिया आपकी
अभी भी आपकी वही नादान है।
कहने को हो गई हूं समझदार,
पर आपके लिए वही शैतान हु
हर रोज मुझे पढ़ाये बिना
कहां चैन आपको अाती थी।
मुझे हर बार रोता देखकर,
तकलीफ आपको आ जाती थी।।
मेरी छोटी छोटी जीत को,
बड़े जश्न की तरह मनाते थे आप।
हालात चाहे जो रहे हो,
मुझे देख मुस्कुरा देते थे आप।।
आप है इस परिवार के सर्वोच्च शिखर,
बिन आपके हम सब जाएंगे बिखर।
आपका आशीष सदैव रहे हम सब पर,
और यूं ही जगमग रहे आप इस भू पर।।
आपको शत शत नमन।।
©आपकी पोती -
poeticshaila 15w
ए ज़िन्दगी तू एक बार फिर से मेरा साथ देना
डूबने लगूं तो फिर से मेरा हाथ थाम लेना
ज़िन्दगी की किताब में एक नया पन्ना जोड़ना है
ज़िन्दगी की दास्तां को लफ्ज़ों में बयान करना है
वक्त से कहना थोड़ा रुक जाए
कुछ पल हंसी के कुछ टूटे हुए लम्हे
थोड़ा अजनबी सा थोड़ा पहचाना सा
आज फ़िर से समेटना है
©poeticshaila
