पता ही नहीं चला कब हमारे बीच के फासले इतने बढ़ गए की तुम्हे देखने की भी कीमत मेरी जान हो गई..।।
पता ही नहीं चला मुझे,
कब मेरे तक आने का रास्ता इतना लंबा होगया की तुम्हारी मंज़िल ही बदल गई.....
और
मै बहुत ख़ास से आम बन गई..।।
दर्द तो इतना है कि लगता रोना शुरू किया तो आंसुओ का सैलाब ही आजाएगा ,
जिसकी तेज़ लहरो में हमारा प्यारा सा अतीत भी कहीं गुम हो जाएगा..।।
नहीं पता ज़िन्दगी से चल रही इस जंग को किस पल हार जाऊंगी,
शायद तुझमें खुद को तलाशते हुए ही तुझसे अलविदा कह जाऊंगी...।।..।।
©pratibhajais
pratibhajais
wanna be motivational speaker someday..
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pratibhajais 13w
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pratibhajais 13w
हा,
शायद अभी मेरा रूठना तुझे नखरा सा लगता हो,
शायद अभी मेरा बेबाक मिजाज़ तुझे कुछ तौहीनता सा लगता हो ।
फिर जब,
मेरे टूटे हुए सपनों की दास्तां सुनाती हूं तुझे तो शायद एक नुमाइश सा लगता हैं।
और,
रो पड़ती हूं जब मै तो शायद वह एक आजमाइश सा लगता है
खैर ,
चलो मान लेती हूं तुझे जो लगता है वहीं सच्चाई है
पर तू भी तो मान तुझपे मैंने अपनी ज़िंदगी लुटाई है।।
लगाती हूं तुझपे बिना सोचे लाख तोहमतें
चल यह भी मान लेती हूं मै,
पर तुझे इतना बदला हुआ देख सौ मौते एक बार में मर जाती हूं मै ।।
एक बात बता देती हूं फिर भी जाते हुए तुझे.....
ना आजमाइशे थी ना फरमाइशें थी, हां थी तो बस खूबसरत पलों की ख्वाहिशे थी।
तू मेरा मै तेरी बनके गुज़ार दू ज़िन्दगी सारी बस इतनी सी चाहते थी।।
महंगे तोहफे नहीं बस थोड़ा सा वक्त मांगा था,
किसी दूसरे का हक नहीं सिर्फ अपने हिस्से के प्यार का एहसास मांगा था।।
©pratibhajais -
pratibhajais 35w
रिश्ते बनाएं उन्हें दिल से निभाएं,
जो आपके बुरे वक्त में साथ खड़ा हो, उसपे कभी सितम ना करे..।
अपना खून ही बिफर जाता है उसपे कभी घमंड ना करे।।
बेटा हो लाख अच्छा ....
बहू को कभी नजरअंदाज ना करे,
लक्ष्मी है वह आपके घर की ,
उसको बेवजह नाराज़ ना करे।।
एक वह ही तो है जो आपके कुल को बढ़ाएगी,
पराई होकर भी आपके परिवार पे अपनी ज़िन्दगी लुटाएगी।।
©pratibhajais -
pratibhajais 48w
हां हो सकता है तुझसे दूर हो जाऊ मै,
दुनिया की नज़रों में कहीं खो जाऊं मै,
हो सकता है दो टक तुझे निहार भी ना पाऊं मै,
लेकिन याद बनकर हमेशा तेरी आंखो से छलकुंगी ...
जब भी तू होगा परेशान तेरी हिम्मत बन जाऊंगी,
तुझसे दूर जाते हुए भी अपना अस्तित्व तुझे ही दे जाऊंगी...
तेरे बिन नहीं चाहिए कोई पहचान मुझे ,
तो....,
मेरे अस्तित्व का क्या काम मुझे,
तुझमें हमेशा मै ज़िंदा रहूंगी,
ढूंढेगा जब भी मुझे बस तेरी यादों में मै मिलूंगी।।
©pratibhajais -
pratibhajais 48w
अंधभक्त इन्सान..
ना मस्जिद खराब ना मंदिर खराब
है तो बस इंसानियत की शख्सियत को मिटा रहा इंसान खराब..।
ना ही राम ना तो रहीम
देते है आपसी बैर, मज़हबी नफरतों की तालीम,
गीता कहती:गीता का साथ पाने को सच्चा बन ए इंसान,
कुराने पाक ने भी तो यही कहा: अल्लाह है सच्चे बंदो के साथ।
दुआ पढ़ते वक्त झोलियां फैला सजदे में सर झुकाते हो,
प्रार्थनाओं में आंचल फैला शीश नवाते हो।
ए इंसान तुम एक ही के बंदे हो
ये फर्क कहा से लाते हो?
अपनी निजी लालच में भाईचारे को क्यों भूल जाते हो?
मज़हबी दीवारों के बीच इंसानियत को ही शर्मसार कर जाते हो।।
©pratibhajais -
pratibhajais 48w
मां तुम शब्द नहीं एक सुंदर एहसास हो..
सुरो से भरा साज़ हो...
मेरी अनकही बातो की हमराज़ हो ।।
तुझमें बसता है मेरा पूरा संसार,
तेरे होने से ही पूरा घर है गुलज़ार।।
मां तुम ममता की हो मूरत...,
करूणा,त्याग और संस्कारों की तुम हो सूरत ।।
मेरी हर गलतियों को तूने ही तो सुधारा है..
मेरी छोटी सी जीत को भी तूने खूब सराहा है।।
©pratibhajais -
pratibhajais 49w
जो सवाल करे ,सवाल बने
वह ज़िन्दगी नहीं,
ज़िन्दगी कहते जिसे,वह कुछ और है..
कर्म से हल हर प्रसन्न कर दे
ज़िन्दगी वह दौर है।।
ज़िन्दगी जवाब है निज कर्मो का
ज़िन्दगी जब भी सवाल बनती है...
वह ज़िन्दगी नहीं होती,ज़िंदादिली नहीं होती,
जीवन दीप जलता है...
लेकिन,
ज़िन्दगी में रोशनी नहीं होती।।
©pratibhajais -
pratibhajais 50w
अपनी ज़िन्दगी में जज्बातों के साथ जज्बे का भी तड़का लगाइए,
मामूली सी दिखने वाली इस ज़िन्दगी को रंगीन बनाइए।।
©pratibhajais -
pratibhajais 50w
Demeaning your wife is equally proportional to demeaning your mother's sacraments...!!!
©pratibhajais -
pratibhajais 50w
कराहती हूं दर्द से फिर भी तेरे लिए मुस्कुरा देती हूं...
जानती हूं ना सुनने का एहसास...
शायद इसलिए,
तेरी हर हां में हां मिला देती हूं ।
जानती हूं बिछड़ने का दर्द....
शायद इसलिए,
तेरी हर गलती को भूल ,हर बार तुझे गले से लगा लेती हूं।।
©pratibhajais
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Raat Nikal Jati Hai
Raat aj fir kuch iss tarh beeti jaise sara din beet jata hai...
Subha se lekar shaam tak bas mujhe raat hone ka daar satata hai ...
Soch mai pard jata hoon ki aaj kya fir mujhe neend ayegi ...
kyaa fir mujhe kuch sukkon k pal ka ehsaas ho payega ...
Kya eisaa ehsaas sabko hota hai ya fir sirf mujhe he ye satata hai ...
Raat hoti hai sukkon k unn palo k liye jo sirf mere hisse mai hai ...
Ya fir sirf beeti baato ko sochne k liye ati hai ye raat ...
Jane kab ye sab khtam hoga, jane kab mai iss sab se azaad hounga ...
Roz sochta hoon ki aaj jaldi sona hai mujhe, ary azaad hona h mujhe ...
Lekin fir vahe aa kar khada hota hoon jaha se raat shuru hoti hai ...
Aur ek baar fir raat nikal jati hai inhi sab baato k beech .. -
masked_writer_ 110w
स्वर्ग भी तू नरक भी तू
इन दोनों का फरक भी तू !!
अनादि भी तू अनंत भी तू
आदि का भी अंत है तू !!
भोला भी तू रुद्रा भी तू
महाकाल की मुद्रा भी तू !!
©masked_writer_ -
resh31 51w
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HopeLess
&
you are hoping for that
which is not even worth expecting.
✍️©mohit_9238 -
कई जवानियां जिम्मेदारियों में भी गुजर जाती है!
हर कोई इश्क में मगरूर नहीं होता!!!!
@__Moon__Light__ -
Writing is best disraction from the worries and stress!
©fatema153 -
quotes_mirakee 53w
Clouds come floating into my life, no longer to carry rain or usher storm, but to add color to my sunset sky.
- Rabindranath Tagore -
मैं,मेरा एहसास फिर ,
हर वक़्त याद आएगा l
मेरी मौजूदगी पर प्यार
मेरी नामौजूदगी के बाद आएगा l
©eshaandpen -
charismapher 94w
Thoughts on pain
The pain we feel
When we take a blow to the nuts...
It fucking sucks.
The pain a woman feels
When delivering a human being
Is the same agony,
multiplied to infinity and beyond.
Yet we have the nerve
to call them bitches?
-Christopher Allen -
abhishek_das 94w
BaChPaN
Bachpan bhi kamal ka tha,
Na koi zaroorat thi,
Na koi zaroori tha
©abhishek_das
