ना जाने मेरा क्या कसूर था
जो वो शख्स मुझसे दूर था
मैं तो करता रहा बेइंतहा मोहब्बत
फिर बाद में मालूम चला कि धोखा देना ही उसका फितूर था
©29_writing_addict
ना जाने मेरा क्या कसूर था
जो वो शख्स मुझसे दूर था
मैं तो करता रहा बेइंतहा मोहब्बत
फिर बाद में मालूम चला कि धोखा देना ही उसका फितूर था
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