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साम्राज्य छोङ बुद्ध ने कहा- मानवता हित और सेवा सबसे ऊपर हम भूले, विश्व में फैला बुद्धत्व।
ईशु ने दिया विश्व शांति, प्रेम और सर्वधर्म सम्मान संदेश।
कुरआन ने कहा जहाँ मानवता वहाँ अल्लाह।
गीता का उपदेश-" कर्मण्यवाधिकारस्ते मा…… "
– निस्वार्थ कर्तव्य पालन करो।
गुरु नानक ने भी कहा -
"एक नूर ते सब जग उपजया"
कर्ण ने सर्वस्व और गुरु गोविंद ने किया सारा वंश दान,
कितना किसे याद है, मालूम नहीं।
मदाधं मानवों की पशुवत पाशविकता जाती नहीं।
मानव होने के नाते, हमारे पास ज्ञान की कमी नहीं।
बस याद रखने की जरुरत है, पर हम ङूबे हैं झगङे में –
धर्म, सीमा, रंग , भाषा……..
हम ऊपरवाले की सर्वोत्तम कृति हैं !
कुछ जिम्मेदारी हमारी भी बनती है
©gannudairy_
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gannudairy_ 11w
@soonam mam ने ये विषय दिया "खूबसूरत" उनका आभारी... मैं खूबसूरत "मानवता" के बारे में लिखा है...
मानवता को हम भूल चुके हैं बस धर्म जात भाषा के भेदों में फस के रह गए.. आशा करता हूँ पसन्द आयेगा..!!!
#rachanaprati166