पानी की लकीरों से गुज़रा
ये दिल कुछ ठोस कुछ मलमल सा है
.
सोख गया कहीं गीला सा कोना
छोड़ गया कहीं दलदल सा है।
©कुमार_अतुल
पानी की लकीरों से गुज़रा
ये दिल कुछ ठोस कुछ मलमल सा है
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सोख गया कहीं गीला सा कोना
छोड़ गया कहीं दलदल सा है।
©कुमार_अतुल