आस
तू अ से अनोखा अनुप सा
मैं स से सुंदर सी आकृति
तू सुबह की किरन
मैं रैन की चांदनी
काश मिल जाएं कहीं कभी हम
सुबह शाम के बीच "शाम " जैसे दीवानगी
©s_se_sukriti
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