लेख
बिन कागज बिन कलम
जगत का खेल
कर्मो का लेखाजोखा लाजवाब ।
बिन लाठी, बिन फटकार
वक्त की मार बेहिसाब।
सन्न से पडे, मार में आवाज नहीं।
कर्माष्ठता की पृकाष्ठाता
न कोई सजावट
न शब्दों की लिखावट।
किस्मत है कर्मों का संचय
कर्मों की ताकत
वास्तविक जीवन का लेख।
कर्मो के नुसार
पाप पुण्य का बटवारा
शब्दों का अर्थ
सार्थक जीवन रहे शब्दार्थ।
©hemlatajain
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