कमाल है न
आँखें तलाब नहीं फिर भी भर आती हैं......
दिल काँच नहीं फिर भी टूट जाता हैं.....।
©tanisha1999
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ishani1999 186w
ना जाने क्यों हर महबूबा मोहब्बत से पहले साज़िश कैसे सीख जाती है !