कहीं ना कहीं आज भी कुछ कमी रह गई है तुझे पहचानने में,
तभी मेरे दिल की बात आज भी मेरे दिल में ही छिपी है।
©SmB
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jimmy_shah 206w
कहीं ना कहीं आज भी कुछ कमी रह गई है तुझे पहचानने में,
तभी मेरे दिल की बात आज भी मेरे दिल में ही छिपी है।
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