अंजुरी
आज कुछ कहने का नहीं सुनने का मन है !!
मन करता है कोई पास बैठे ,बातें
करें और मैं सुनूँ ,
तन्हाईओं को धक्का दे, किसी की संगत में खुद को सराबोर करूँ।
उसकी आँखों से प्यार का निर्झर बहे, जिसमे डुबकी भरूँ।
हथेलियों में चेहरे को संभाल कोहनी टेबल पर रख उसे निहारूँ ,
न पिछला पल याद आये,न ही आगे की चिंता सताए ,बस जो पल हो उसी में खो जाऊँ।
दोनों के चेहरे विलीन हो जायें, बस सिर्फ दिल की बातों से अंजुरी भरूँ।
©kanakkedia
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