समय
समय की तेज है धारा, संतुलन बनाते रखना,
भवसागर है ये जीवन,तैर कर है पार उतरना।
सुख-दु:ख है लहरों जैसे, मोह-माया के बंधन,
सदा धैर्य की थाम पतवार, आगे बढ़ते रहना।।
अर्चना तिवारी तनुजा ✍️
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