कितना मुश्किल है ना चाँद का भी चाँद हो जाना
छिटका के अपनी चाँदनी दूसरों पे
खुद तन्हा रह जाना।
अपने मन के जज़्बातों को छुपाकर
हर रात प्रकाश बिखेर जाना
अपनी खूबसूरती की तारीफ़ सुनकर भी
सिर्फ मूक भाव को दर्शाना
और मंद-मंद मुस्कुराना
तारों संग रहकर भी अकेला
कभी ना बहक कर पथ से
खुद को एक सादगी की मिसाल बना जाना।
देना शीतलता सभी को हर रोज
पर
उसका ज़िमेदार भी रातों को बता