दिल शीशे सा साफ़ और ज़िगर में आग रख़ते है
यूँ ही नही हम एक हाथ में "महताब" और
दूजे में "आफ़ताब" रखते है
"अंशुल"
©anshul
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anshulaftaab 18w
दिल शीशे सा साफ़ और ज़िगर में आग रख़ते है
यूँ ही नही हम एक हाथ में "महताब" और
दूजे में "आफ़ताब" रखते है
"अंशुल"
©anshul