कृष्ण लिंगभेद से परे,
कृष्णत्व सर्वोच्च,
मेरे हरि,
गोपियों के स्वामी,
हे मनुज,
तू अपने करम देख,
प्रथम योगी मेरे प्रभु,
शिव शंभु के इष्ट देव,
काम और प्रेम में,
अंतर सूक्ष्म है,
कान्हा ले प्रेम का भेख,
नारी के वस्त्र,
मन से उतरे वहीं,
जहाँ मन नग्न वो करती,
स्वयं के कर्म दिखे ना जिसे,
बानी उसकी कान ना धर,
मेरे हरि की गति अकल।
©jigna___
jigna___
अब कोई ड़र नहीं।
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jigna___ 77w
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अधूरे ज्ञान से ज़्यादा घातक कुछ है ही नहीं,
अधूरा घड़ा छलकता ज़्यादा है।
शायद इसी को आसुरी वृत्ति कहते हैं।
कथा का आकलन करना अपने अनुसार, कोई बड़ी बात नहीं, परंतु वो ही सत्य और तथ्य है यह मानना आसुरी वृत्ति है, ज्ञान ही अमृत और ज्ञान ही विष।
ज्ञात होना और ज्ञान में होना,
सूक्ष्म अंतर निहित तथ्यों में,
कच्चे घड़े सा ज्ञान क्षणभंगुर,
फूट जाएगा बीच भँवर में।
ज्ञान दधि है और अमूल्य,
बन जाता कभी विष तुल्य,
मन का मंथन करना निरंतर,
कच्चे घड़े सा ज्ञान क्षणभंगुर,
फूट जाएगा बीच भँवर में।
ज्ञान ही बनाता अभ्यंकर,
परंतु गति रखना तू मंथर,
ज्ञान विशाल गहरा समंदर,
कच्चे घड़े सा ज्ञान क्षणभंगुर,
फूट जाएगा बीच भँवर में।
बुद्ध को जान बुद्धत्व पाने,
अति का ना ममत्व पाले,
गति कर स्थूल से सूक्ष्म की,
कच्चे घड़े सा ज्ञान क्षणभंगुर,
फूट जाएगा बीच भँवर में।
योगी गिरता, ज्ञानी गिरता,
बन भक्त सा परम समर्पित,
अर्जुन,मीरा,गोपी,बन यशोदा,
कच्चे घड़े सा ज्ञान क्षणभंगुर,
फूट जाएगा बीच भँवर में।
ज्ञात होना------------------------
Jignaa
©jignaa___ -
jigna___ 77w
वसंतोत्सव की शुभकामनाएं।
हे माँ,
विणा धारिणी, आसनस्थ पंकज मध्य,
प्रतीक मयूर मन समान,माँ परम ज्ञान,
ज्ञान रूपी संयम से मन नियंत्रित कर,
माँ श्वेतांबरी, माँ ज्ञान प्रदायिनी,
माँ सौम्या, माँ है परम मानुषी,
हे माँ,
माँ आशिष दे अपने शिशु को,
करें ज्ञान प्राप्त तो वो यीशु हो,
अहंकार युक्त ज्ञान छलना सा,
प्रहलाद, ध्रुव और हनुमंत हो,
माँ करुणामयी, माँ वर दायिनी,
माँ कलाकार मैं शरण तेरे,
माँ आशिष दो माँ आशिष दो,
हे माँ।।
Jignaa
©jignaa___©jigna___
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जब छोड़ा तो पता चला,
मैंने "ही" पकडकर रखा था!
Jignaa
©jigna___ -
jigna___ 77w
212 212 212 212
मोड़ दो भी कभी तुम कदम साथिया,
चल पड़े बेख़बर है सितम साथिया।
ख़्वाब के रोग की क्या दवा मिल सकें,
कर सका जो हजम तो रहम साथिया।
आज जो कह दिया वो सुना ही नहीं,
कल कहेंगे अधूरा वहम साथिया।
वो कलम क्या करें जो समझते नहीं,
पालते जो ज़हन में भरम साथिया।
कह रहें अजनबी क्यूँ हमें बोल दो,
क्या दिखे वो तुम्हें भी करम साथिया।
Jignaa
©jigna___ -
jigna___ 77w
उन्हें लगता है हमें दिलचस्पी मशहूर होने में है,
कैसे कहें मशहूरी की वजह उनके दूर होने में है।
Jignaa
©jigna___ -
तेरा, मेरे पास होने या ना होने से,
मेरा, तेरा होने में कोई फर्क नहीं,
तेरे साथ की लौ जल रही भीतर,
हिज्र का मौसम है पर सर्द नहीं।
©jigna___ -
Haiku chain
मनोहर सी
दृश्यावली निहित
कुदरत के
प्रत्येक रंग
करता समाहित
सुंदरता को
मनभावन
शांत एवं सौम्य सा
भाव समाए
परंतु कवि
अनुभूति करते
छिपे भावों की
यह दृश्य है
प्रतीक है सत्ता का
ईश्वरीय जो
समर्पित हो
अद्भुत शक्ति को तू
दिव्यता को भी
प्रत्येक रंग
उदाहरण होता
विविधता का
प्राप्त करना
उस एकात्मता को
जो छिपी होती
सुंदर चित्र
बनाना जीवन को
संतुलन से।
©jigna___ -
When do you think
our life
becomes serene and picturesque?
When we become
a steady seer and a brave being
life fills with vibrant colours.
Jignaa
©jignaa___ -
वो कहता रहता है तन्हा है वो,
मेरे दिल की कब्र पे बैठा है जो।
©jigna___
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_myogenic_heart_ 77w
मेहन्दी का रंग अब फीका पड़ने लगा है..
शायद अब वो किसी ग़ैर का होने लगा है!!
मेरी गली से गुज़रने से भी कतराने लगा है..
शायद गलियों को छोड़, शहरों के होने लगा है!!
तुम्हें दूर जाता देख दिल डरने लगा है..
शायद आज भी वो मुझे भुलाने में लगा है!!
©_myogenic_heart_ -
rasbharichanchal 88w
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मेरी शख़्सियत, तेरी शहादत की मोहताज नहीं,
मख़मली चादर से तलवार हूँ मैं।
अपनी दहलीज़ का आगाह रखना,
उस पार, हाहाकार हूँ मैं।।
@rasbhari.chanchal -
rasbharichanchal 89w
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ज़र्रा
ज़र्रे-ज़र्रे से बना था इक रिश्ता,
ज़र्रे-ज़र्रे को जीते थे हम,
उन्हीं ज़र्रों के ज़रिए,
ज़रा सा आज भी, जी लेते हैं हम।
©rasbhari.chanchal -
dil_k_ahsaas 77w
गर दूर जाने की सोच रहे हो तो
आखिरी बार गले लग कर
रूखसत होना
ज्यों ही दिल से दिल जुड़ेंगे,
अपने दिए हर एहसास
और याद को
मेरे दिल से खींचकर
अपने दिल में वापस भर लेना
जब जाना ही है तो मेरे अंदर से
अपना सब-कुछ निकाल कर
मैं तुम से मिलने से पहले
जैसी थी, ठीक वैसी ही कर जाना
रूखसत होने से पहले
जो कभी ना चुका सकूं मैं
ऐसा एहसान मुझ पर
उधार चढ़ा जाना।©dil_k_ahsaas
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7saptarangi_lekhan 77w
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कोई चारहा नहीं बचा.... ❤️कभी किस्मत खेलती है, तो कभी ये दुनिया
लगता है मैं कोई खिलौना होता था कभी
©7saptarangi_lekhan -
One-liner mondo
Isn't it awesome to be a little
FlaWsoMe ???
©aafiya_21 -
7saptarangi_lekhan 77w
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इक कोशिश की है हमेशा की तरह लिखने की कोई भी गलती हुई हो तो बताना .... यहां से पढ़ें....
________________________❤️
पेड़ की शाख़ से टूटकर एक सूखी सी पत्ती मेरे काग़ज़ पर गिर गई और देखो न मैं अब तक......... तुम्हारी सुन्दर सी दिखने वाली छवि और तुम्हारी अदाओं पर एक अक्षर भी नहीं लिख पाया हूं , जबकि इतना मुझे भी पता है कि ये खूबसूरती चन्द अल्फाजों में नहीं समा सकती , पर फिर भी न जाने क्यूं ये नादानी मूझसे बार बार होती है
मैं तो यूं ही पेड़ की छांव में अपनी तनहाईयों के साथ कुछ वक्त बिता रहा था , ये तन्हाईयां भी बड़ी अजीब होती हैं न , जिनसे हम अपने भीतर चल रही एक भी बात छिपा नहीं सकते ये तो वो हैं जिन्हें हमारे बारे में हमसे कई ज़्यादा पता होता हैं , ये न जाने कब कौन सी याद लाकर हमारे जेहन में बिठा देतीं हैं फिर हम उस एक याद में कितना खो जाते हैं कभी - कभी तो ये आंखें भी नम हो जाती हैं , किसी ने सच ही कहा है कि जिससे हम सच्ची मोहब्बत कर लेते हैं उसका मिलना हमारे मुकद्दर में नहीं होता.... फिर उसके बाद हम चाहें कितनी ही कोशिशें क्यूं न कर लें , हम अपने प्रियतम को इस दिल से अलग नहीं कर पाते क्योंकि ये हक़ तो हम खुद ही से कब का छीन चुके होते हैं , और फिर बाद में उन्हीं यादों के सहारे ये ज़िन्दगी जीते हैं ।
#ye_valentine_day_bhi_ajeeb_hये valentine day भी अजीब है
भाग 1
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वैसे आज कॉलेज का मौसम कुछ अलग सा है मैं जिधर भी देख रहा हूं वहां बस प्यार , मोहब्बत और इश्क़ का सावन बरसता हुआ नजर आ रहा है , हां...... बिल्कुल सही सोच रहे हो ....... आज वेलेंटाइन - डे है ये दिन जितना प्यार से भरा हुआ है। उतना ही कुछ लोगों के लिए ये ज़ख्मों पर नमक लगाने जैसा है , आज के दिन कुछ लोगों को अपना प्यार मिल जाता है उन्हें लगभग उनका मुकम्मल जहां मिल जाता है , कुछ दिल भी टूटते है , कुछ दिलों पर नए - नए इश्क़ का खुमार भी चड़ जाता है और कई लोग अपने हालातों अपनी मजबूरियों के कारण अपने महबूब से मिल तक नहीं पाते , यूं तो मोहब्बत को किसी एक निश्चित समय की कोई आवश्यकता नहीं है , क्योंकि ये तो वो एहसास है जिसका अंत है ही नहीं ये इश्क़ तो बस अपनी मर्ज़ी का मालिक है जिसका एहसास हर प्यार करने वालों को पल - पल होता रहता है , हां तो इस वेलेंटाइन - डे की बजह से ऐसा ही माहौल बना हुआ है सारे कॉलेज में , मैं तो तन्हा सा एक पेड़ के नीचे अपने कागज़ और कलम के साथ बैठा हुआ कुछ छंद संजो रहा हूं
इस मोहब्बत में हम कहीं पूरी तरह दीवाने न हो जाएं
इश्क़ की तपिश में जल - जलकर परवाने न हो जाएं ❤️
©7saptarangi_lekhan -
dil_k_ahsaas 77w
एक दिन पहले इस कविता की कुछ पंक्तियांँ पेश की थी।
आज कुछ और पंक्तियांँ लिखी है ......
ज़रा गौर किजिएगा .......
" धीरे-धीरे बिछड़ती हुई मोहब्बत के नाम "
सोचते-सोचते एक बार फिर रात गुजर जाएगी
ना चांँद ठहरेगा, ना तारों की बारात टिमटिमाएगी
ना आंँख सोएगी ना ख्वाबों को नींदों में बुलाएगी।
सोचते-सोचते एक बार फिर रात गुजर जाएगी
ना सुबह होगी ना ही धूप की चुभन सताएगी
तुम ढूंढते रह जाओगे और मैं खुद एक ख्वाब बन जाऊंँगी।
ना मैं मिलूंँगी फिर कभी और ना कभी बिछड़ पाऊंँगी।
अब कभी ना तुम्हें अपनी याद दिलाऊंँगी
एक रोज़ चुपचाप मौत के आगोश में खो जाऊँगी
ढूंँढते रहोगे यहांँ वहांँ पर मिल ना पाऊँगी।
सोचते-सोचते एक बार फिर रात गुजर जाएगी
बिछड़ना किस्मत में था यही सोच चुप, रह जाऊँगी
इक तारा बन कर कहीं तेरे आसमां में ठहर जाऊँगी
तुम ढूंँढोगे चमक उसकी, मैं बोझिल सी दिख जाऊंँगी।
सोचते-सोचते एक बार फिर रात गुजर जाएगी
तुम यादों में संभालोगे पर मैं चंचल बन जाऊँगी
फिर बीतते वक्त के साथ दिल से भी निकल जाऊँगी
तुम ढूँढोगे मुझको और मैं दिल पर दस्तक देने आऊंँगी।
सोचते-सोचते एक बार फिर रात गुजर जाएगी
रात को सोते में ख्वाबों में आऊँगी
ज्यों ही हाथ बढाओगे मैं गुम हो जाऊँगी
तुम तरस भी जाओगे तो भी ख्वाब में दुबारा ना मिलने आऊंँगी।
सोचते-सोचते एक बार फिर रात गुजर जाएगी©dil_k_ahsaas
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_harsingar_ 77w
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इश्क का कोई
दिन नहीं
हो महबूब जो साथ
है इश्क वहीं
तू जहां वहां इश्क है
ज़मीं में इश्क
आसमां में इश्क है
गुलों में इश्क है
तो खारों में इश्क हैइश्क मोहताज नहीं किसी मौसम का
उसे दरकार नहीं बहारों की
यूं ना बांधो उसे तारीखों में
आजाद ही बहने दो फिज़ाओं में
डॉ सीमा अधिकारी
©_harsingar_ -
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