............ (उलझन).............
उलझन में है मन मेरा
लिख दूं क्या जीवन का सार
सुख की गागर भरी है थोड़ी
दुख का सागर है अपार .........
चंचल होती नदियों जैसी
मानव मन की इच्छाएं
कहां बांध सका है कोई
अंतर्मन की सीमाएं
अंतर में पौधा पतझड़ का
अंतर में ही बसंत बहार
उलझन में है मन मेरा लिख
दूं क्या जीवन का सार.........
परिस्थितियों ने जकड़ा बाहों में
दिल सपनों का धड़के आहों में
क्यूं कर्तव्य का कांटा चुभता है
नेहा के सुकोमल पाओं में
एक और खड़ा कर्तव्य हँसे
एक और सिसकता प्यार
उलझन में है मन मेरा लिख
दूं क्या जीवन का सार............
निष्ठुर रिश्तों ने जाल बिछाए
फैलाकर स्वार्थों के दाने
इसमें कब कौन फंसा पंछी
हम तुम तो रहे अनजाने
संबंधों के उर में तपिश है
अधरों पर शीतल बयार
उलझन में है मन मेरा लिख
दूं क्या जीवन का सार.........
©bal_ram_pandey
#sumit_
82 posts-
bal_ram_pandey 138w
#mirakee#hindiwriters
#hindilekhan#gazal
@ahsas_riya_ke#anitya
@rangkarmi_anuj
#osr#jhala#naajnaaj
@naushadtm#odysseus#sumit_
@anjali_chopra#agentrkd007
@gazal_e_vishal
#mirakeeworld#naajnaaj#universe
कभी-कभी मन .......
उलझन में उलझ जाता है....... और फिर जन्म होता है कविता का।।।।।।।।।।।।118 50 49bal_ram_pandey 139w
महफूज़ रखा है यादों को फ़ूल सा किताबों में सुकूं न मिला दिल को जहां के शोर-शराबों में
हवा बनकर छू लेंगे तुझे दीदार कर लेंगे तेरा
खिल जाएगा पत्थर बनकर फ़ूल बहारों में
ना रख हमदर्दी की ख्वाहिशें जमाने से कभी
हो जाएगा गमजदा आकर तू इनकी बातों में
सूरत बदल रही तेरी आजकल चांद की तरह
ढ़ल रहा हूं मैं भी आजकल हर हालातों में
तेज रफ्तार जिंदगी में मुसलसल कहां ढूंढे
शायद खो गया है तू भी कहीं हजारों में
घबरा रहा है दिल आज महताब से बिछड़ के
लगता है मर जाऐंगे ख्वाब आज आंखों में
©bal_ram_pandey126 45 46- saroj_gupta Beutiful lines
- sanjeevshukla_ वाह्ह्ह
- ruchi_yadav खूबसरत लिखा
- rituchaudhry @bal_ram_pandey 👌🏻👌🏻👌🏻
-
goldenwrites_jakir
वहुत खूब सूरत ✍️✍️✍️
शानदार लजाबाब
bal_ram_pandey 139w
हम समंदर हो गए, तू किनारा हो गया
कश्ती को मेरी तूफानों का सहारा हो गया
नई ग़ज़लें क्या पढ़ी पुराने भूल जाते हो
गूंगे हो गए ऐहसास क्या नज़ारा हो गया
खता है क्या बंद क़फ़स में परिंदे की
क़ैद में उनके सपने क्यों ख़ुदारा हो गया
मिले रिश्ते नाम के बिखरी मिली ज़िंदगी
कांटो से मिठास मिली गुल खारा हो गया
तुझसे है कायनात सौगात खुशियों की
तू नहीं है तो मां मैं बेसहारा हो गया
फ़कीर सी हो गई जानां मेरी ज़िंदगी अब
चंद यादों की फाकाकशी मे गुज़ारा हो गया
©bal_ram_pandey118 42 49- odysseus Waah... behtareen
- mere_khyal_se Lajawab
- blinganshu
- saroj_gupta चंद यादों की फाकाकशी...बेहद खूबसूरत लिखा आपने
bal_ram_pandey 139w
ग़म के साए
घर तक आए
बिन हवा के
पत्ते हिलते पाए
पहरा खुशबू पर
हवाओं ने बिछाए
ख्वाब थक गए
मन रीता जाए
मन दर्पण रूठा
सूरत कौन दिखाएं
बहरी है दुनिया
मन गूंगा गाये
तनहा है सफ़र
रिश्ते कौन निभाए
समंदर रात का
क्यूं कश्ती भटकाऐ
है उदास आईना
चेहरा ना भाए
©bal_ram_pandey145 50 54bal_ram_pandey 139w
बंदीशें हैं , पहरे हैं , और घाव गहरे हैं
जलते हुए दिल , मुस्कुराते हुए चेहरे हैं
सपनों के जंगल , बाहों में भर कर
मुफलिसी का बोझा , सर पर उठा कर
समस्याओं के अलाव गाते हुए चेहरे हैं
बंदिशें है पहरें हैं----------
लड़खड़ाते कंधों पर रिश्तों की लाश लेकर
नंगे पांव इंसानियत के तपते सड़कों पर
अधरों से पैमाने, छलकाते हुये चेहरे हैं बंदीशे हैं पहरे हैं ---------
अभावों - गुनाहों के रेतीली रेगिस्तान में
बस थोड़े से नेह, थोड़े से पैसे की चाह में
सच से बरबस आंखें चुराते हुए चेहरे हैं
बंदीशें है पहरें हैं ------------
यादों के मखमली , नर्म बिछौनो पर
बिरहा की उत्पीड़न नैनो के कोनो पर
हंसते हुए होंठ , रूलाते हुए चेहरे हैं
बंदीशें हैं पहरें हैं ----------
व्यंग की मुस्कान , नैनों की भाषा में
एक नई चाल , हंसने की परिभाषा में
स्वार्थ की खातिर, मुँह फैलाते हुए चेहरे हैं
बंदीशें हैं पहरें हैं ----------
©bal_ram_pandey140 43 48- satrangi
- ruchi_yadav
- odysseus Very Beautifully penned
- bal_ram_pandey @odysseus ji thanks a lot
- ravindra_upadhyay_gunjan जीवन की सच्चाई बयान करती है ये कविता।।आपबीती सी लगती है। बहुत खूब
bal_ram_pandey 139w
#mirakee#hindiwriters
#hindilekhan#gazal
@ahsas_riya_ke#anitya
#rangkarmi_anuj
#osr#jhala#naajnaaj
@naushadtm#odysseus#sumit_
@anjali_chopra#agentrkd007
@gazal_e_vishal
#mirakeeworld#naajnaaj
#universe
Inspired by
अब किसी से कोई गिला नहीं
हम फर्ज करते हैं तू कभी मिला नहीं
@sanawrites_ग़ज़ल
ज़ख़्म अभी सिला नहीं
तुझसे कोई गिला नहीं
पूछते हो मुझसे पता
ज़िंदगी से मिला नही
ज़िंदगी है फ़ूल सा
जो अभी खिला नहीं
आँसू उलझे पलकों में
हौंसला अभी गिरा नहीं
तन्हाइयाँ ख़ामोश है अब
सांसों का सिलसिला नहीं
कुछ और इंतज़ार कर
ज़िंदगी अभी जीया नही
लड़खड़ा रहे हैं कदम
मैने कभी पीया नही
प्यार का कोई रंग नहीं
वो हरा - पीला नहीं
अँधेरा अब होने लगा
मैं जलता हुआ दीया नहीं
©bal_ram_pandey154 54 56- priyanshu_ranjan वाह.. बेमिसाल ❤️
- jigna___ Bemisal
- satrangi Behad hi umda
- saroj_gupta जिन्दगी अभी जिया नहीं ..क्या बात है
- krati_sangeet_mandloi वाह, बहुत खूब
bal_ram_pandey 139w
सांसों का सफ़र कब तक
दिन ढल गया शब तक
आए कितने अल्फ़ाज़ जुबां पे
नआया नाम ख़ुदा का लब तक
कहां रहा असर दुआओं में
कैसे पहुंचेगी बात रब तक
एक खालिश सी रही सीने में
ग़म-गुसार ना मिला अब तक
उड़ता है मन परिंदा मुसलसल
खुले आसमान में एक हद तक
मरने के बाद रूह भटकती रही
ख्वाहिश ज़िंदा रही जब तक
©bal_ram_pandey129 42 45- odysseus Very intense and beautiful
- bal_ram_pandey @odysseus
- ra_shree Very nice keep it up always
- bal_ram_pandey @jiya_khan Jiya ji take care of yourself and your family..... When you get time then only you right
- parle_g @bal_ram_pandey शुक्रिया आपका
bal_ram_pandey 141w
दूर बुराई करना होगा
हमको अपने हाथों से
देश नहीं बदलेगा अब
केवल थोथे बातों से....................
बेटियां है नहीं सुरक्षित
गली कूचे गांव शहर
दानवता का आतंक फैला
सांप उगलने लगे जहर
फन कुचलना होगा अब तो
इनका कानूनी घूंसे लातों से..............
माता बिलख बिलख कर रोए
पिता के आंख में आंसू सूख गए
भाई का खून खौल रहा
गिद्धों ने बहना के पर नोच लिए
बिछड़ गए जो कहां है मिलते
आंदोलन के शोर -शराबों से.................
अपने ही घर से करें शुरुआत
बेटों को नारी सम्मान सिखाएं
भूले बिसरे गाली मां बहन की
कभी ना जुबां पर इनके आए
आग लगी कहां बुझती है
नारों से तेजाबों से....,.........................
विज्ञापन में व्यर्थ ही
ना होअब अंग प्रदर्शन
इंटरनेट के पॉर्न साइट्स
पर हो सरकारी बंधन
अश्लील साहित्य को आग लगा दो
मिले जहां दुकानों में बाजारों से.................
खामोशी हमारे समाज की
बुराइयों को है देती हवा
प्रशासन कमजोर आवाज
की फाइल देते हैं दबा
नहीं मिलेगा इंसाफ हमें
सिर्फ मोमबत्ती और गुलाबों से..................
©bal_ram_pandey137 47 57- bal_ram_pandey @shashiinderjeet @diksha_chaudhary @ss2908 @desire_at_fire @archanatiwari_tanuja ji Shukriya
- vipin_bahar शोर-शराबों से
- vipin_bahar उम्दा लेखन
- saroj_gupta अति हृदय स्पर्शी भाव
bal_ram_pandey 142w
पहन के निकला है आज भी नक़ाब कोई बबूल की शाख़ों पे खिल गया ग़ुलाब कोई
बड़ी मुद्दत बाद लबों पर आई है हंसी
दिल के ज़ख्मों का दे गया हिसाब कोई
फूल सा सवाल किया हमने तुझसे ज़िंदगी
हाथ में पत्थर लेकर आया है ज़वाब कोई
बात में साफगोई है उसके लहजे में आज
लगता है पीकर आया है आज शराब कोई
साथ उसके रहने से महक जाता मेरा घर
काश मिलता मुझे भी ऐसा अहबाब कोई
मां के चेहरे पर हंसी अच्छी लगती है मुझे
मेरी नेकी का है शायद या खुदा सवाब कोई
©bal_ram_pandey152 52 54- bal_ram_pandey @priyanshu_ranjan @harfehalat @ss2908 @anandsardar @jiya_khan ji Shukriya
- rituchaudhry @bal_ram_pandey वाह वाह
- piu_writes @bal_ram_pandey
- sabreenshahin_ Aapko saari post bhot umdah hai... Behtreen likhte hai aap
- bal_ram_pandey @sabreenshahin_ Inayat... Shukriya... aaapka
bal_ram_pandey 142w
थोड़ी सी धूप आंखों में लेकर चल
यादों की चांदनी हाथों में लेकर चल
सियाह रात है आगे सफ़र है तन्हा
सब्र के जुगनू बाहों में लेकर चल
लौट जाएगा वक्त बुरा हंस कर
सबका भला दुआओं मे लेकर चल
कोई इंतजार कर रहा है उस पार तेरा
ख़ुद को ज़रा उजालों में लेकर चल
मंज़िल यूं ही कहां मिलती है जानां
कदम हालातों के कांटों में लेकर चल
ज़ख्म अपनों का और वक्त का मरहम
छुपा के चेहरे नकाबों में लेकर चल
तिजारत हो गई हैं सारी बातें इश्क़ की
अल्फाजों को अख़बारों में लेकर चल
©bal_ram_pandey158 60 55- priyanshu_ranjan वाह ❤️❤️
- shashiinderjeet Khoob
- vipin_bahar वाह
- loveneetm अद्भुत रचना
- scintillating_shikha अद्वितीय
bal_ram_pandey 143w
मैं तेरे सामने,आईना बनकर आ गया
क्यों दोस्तों के हाथ में, पत्थर आ गया
मुंतजीर आंखें ,अब ना- आशना शब से
सारे ख्वाब, वक्ते दरिया में बहाकर आ गया
थक गया परिंदा, गला सूख सा गया
बिछा देखा दाना, ज़मीं पर उड़कर आ गया
बूंदें शबनम की, ढ़लकर आंखों से गिरी
घर, दरिया के, समंदर चलकर आ गया
रहा भटकता जिंदगी भर, ख्वाहिशें अधूरी रही
बंदा शहर से गांव अब लौटकर आ गया
औलादों ने बांट लिए, बूढ़े मां -बाप
रोने लगे बच्चे जब बुढ़ापा सरपर आ गया
©bal_ram_pandey156 66 57- yamini_poetry bahut achha likha hai !
- bal_ram_pandey @yamini_poetryji shukriya Inayat aaapki
-
parle_g
happy teachers day....sir ji...❤️
aapse bhot kuch seekha h mene....
jo shyad koi or nhi sikha skta tha❤️ - bal_ram_pandey @parle_g ...gd to see you...tc.. keep writing..aapki REKHTA bhi DEKHTA hai...
- parle_g @bal_ram_pandey ji thoda waqt chahiye hmko
bal_ram_pandey 144w
आलम जो आज है साथ, कल रहेगा नहीं
आंख को कर ले पत्थर ,आंसू बहेगा नहीं
तितलियां क्या पकड़ता है,यादों के पगले
बहारों में भी कभी सूखा फूल खिलेगा नहीं
इतनी चिंगारियां हैं क्यूं, शक की इश्क़ में
लकड़िया गीली है जानां,चुल्हा जलेगा नहीं
आओ बैठ जाते हैं इस दरख़्त की छांव तले
तन्हा धूप में चलने से मौसम बदलेगा नहीं
ज़िंदगी गुजरी है फिक्र ए आलम में जनाब
ज़माने से कोई खिताब पता है मिलेगा नहीं
चंद लम्हों के इम्तिहान से डरकर ना भाग
वतन से गया दूर तो वजूद भी बचेगा नहीं
©bal_ram_pandey171 57 66- ss2908 Umda...
- krati_sangeet_mandloi Waah, kamaal
- jasminesharma bohat acha
- drinderjeet very beautiful
- _tinkus Bahut shandar sahab
bal_ram_pandey 145w
दिन ......रात में ढल गया
सूरज .........चांद में बदल गया
करम हुआ तेरी खुदाई का कुछ ऐसा
खोटा सिक्का भी चल गया
रुख़ से नक़ाब क्या उठा
दिल ऐ फ़कीर भी मचल गया
सौदा किया जब से मैंने सच का
मैं अपनों से बिछड़ गया
ख़ुश था गुलाब कांटो के बीच
हुआ जुदा शाखों से तो कुचल गया
छूने का तेरे हुआ कुछ असर ऐसा
बुझा........ हुआ चिराग़ भी जल गया
ज़मीन घर रिश्ते छूट गए पीछे
एक बार वो गांव से जो शहर गया
मां की आंखों के अश्क का एक क़तरा
जब गिरा मन....... समंदर भर गया
©bal_ram_pandey140 61 58- lovelynivedita Behad khoob
- bal_ram_pandey @lovelynivedita @jigna___ @limra786 @fairygurl ji Shukriya
- jasminesharma khuub
- drinderjeet बहुत ही सुंदर
- saroj_gupta बहुत खूबसूरत
bal_ram_pandey 145w
इस देह दीए में तुम नेहा की बाती हो
घनघोर अंधेरे में मेरी जीवन साथी हो
चल रहा कौन मेरे सांसों में अनवरत
हृदय में बनकर धड़कन शोर मचाती हो
मन उलझ रहा अनसुलझे प्रश्नों में
कैसे बिन मेरे आह तुम रह पाती हो
अंतर्मन के मन कानन के तुम जीवनधन
जीवन की राहों में तुम मेरी थाती हो
तुम पावन मंत्र ऋचा सी मन प्रांगण में
कुंठित हिय में आस सृजन कर जाती हो
©bal_ram_pandey156 65 58- agrawal_diary
- drusha @bal_ram_pandey @
- krati_sangeet_mandloi Bhut hi sunder rachna
- bal_ram_pandey @krati_mandloi @drusha @meenuagg @jigna___ ji Shukriya
- saroj_gupta पावन मंत्र ऋचा
bal_ram_pandey 146w
तबस्सुम हर एक ग़म का ज़वाब है क्या
ज़िंदगी गमतलब एक ख़्वाब है क्या
ताउम्र देता रहा इम्तिहान तुझे ऐ ज़िंदगी
मेरे नाम पर बेवजह इतना बवाल है क्या
किताब ए ज़ख्म रख दिए सब तेरे रूबरू
मांगते हो मेरे दर्द का हिसाब है क्या
पैसा, शोहरत,वक्त आज मेरे अहबाब हैं
कर दिल से बयां अब तेरे खयाल हैं क्या
चेहरा उदास , लब ख़ामोश , आंखे नम
तबीयत तुम्हारी इतनी ख़राब है क्या
©bal_ram_pandey160 50 57- limra786 Har sher umda
- odysseus Behtareen
- bal_ram_pandey @jasminesharma @limra786 @odysseus tahe Dil se Shukriya
- krati_sangeet_mandloi बहुत खूब जनाब
bal_ram_pandey 146w
#mirakee#hindiwriters
#hindilekhan#gazal
@riyaa__#anitya
@rangkarmi_anuj
#osr#jhala#naajnaaj
@naushadtm#odysseus#sumit_
@anjali_chopra#agentrkd007
@gazal_e_vishal
#mirakeeworld#naajnaaj
#universe
एक लघु प्रयास
दिवाली नए आयामों अथवा
प्रारूपों के माध्यम से मनाने का
कृपया आरंभ से अंत तक पढ़ें
आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं(एक कविता)
ओ मेरे हृदय के मीत
गए एक साल अब बीत
आ गई दिवाली फिर से
लेकर लबों पर नए गीत
दिल का दिल से रिश्ता निभाऐं..............
आओ एक ऐसी दीवाली मनाएं............
जिस की राहें तकती हैं
नवयौवना घर में
मां की आंखें रोती रहती
बेटा गया है रण में
एक दीया जवानों के लिए जलाएं......
आओ एक दिवाली ऐसे भी मनाएं.....
भूखे परिजन रोते बच्चे
रोटी नहीं है थाली में
रईसजादे फेंक रहे अन्न
कूड़े-कचरे और नाली में
आओ निवाले गरीबों को खिलाएं........
आओ एक ऐसी दीवाली मनाएं..........
कितने कन्यायें कुंवारी
बैठी है बाबुल के घर
राक्षस निकल रहा दहेज का
नवविवाहिताओं के बली ले कर
आज दहेज के रावण को जलाएं.........
आओ एक ऐसी दीवाली मनाएं..........
थिरक रहे हैं नौजवान
पीकर मय मयखाने में
सूने पड़े प्रभु के मंदिर
आती शरम भजन गाने में
एक दीया संस्कारों का जगमगाएं......
आओ एक ऐसी दीवाली भी मनाए.....
©bal_ram_pandey131 60 46- raaj_kalam_ka बहुत खूबसूरत रचना आपने रावण के सभी रूपों को खूबसूरती से रखा शुभ दीपावली
- bal_ram_pandey @raaj_kalam_ka ji bahut bahut shukriya Inayat
- odysseus Brutally honest
- bal_ram_pandey @odysseus ji Abhaar
- nagendrasingh दीपावली का सुंदर सा उपहार
bal_ram_pandey 146w
#mirakee#hindiwriters
#hindilekhan#gazal
@riyaa__#anitya
@rangkarmi_anuj
#osr#jhala#naajnaaj
@naushadtm#odysseus#sumit_
@anjali_chopra#agentrkd007
@gazal_e_vishal
#mirakeeworld#naajnaaj
#universe
धनतेरस और दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं मेरे अपने प्यारे मीराकी परिवार कोएक दीया मुसलसल, जलता रहा रात भर
अंधेरे से अकेले ,लड़ता रहा रात भर
पिघलने लगी मोम , जलती रही बाती
दीदा ए अश्क , बहता रहा रात भर
सुब्ह की रोशनी में थे, हमसफ़र सारे
शब ए तन्हाई में, हाथ मलता रहा रात भर
तुमने की खता, क्यों मैंने सजा पाई
ज़माने से मिन्नतें, करता रहा रात भर
जल गए पंख, इश्क़ ए चराग़ में
धीरे-धीरे पतंगा, मरता रहा रात भर
रहना सब खुश ,लिए दुआएं लबों पर
ज़ुल्म ए हवा , सहता रहा रात भर
©bal_ram_pandey139 47 53bal_ram_pandey 146w
न नज़र बदली
न नज़रिया बदला
न ज़िंदगी बदली
न जीने का जरिया बदला
डूबी कई बार कश्ती
उनकी निग़ाहों में
न हमने कश्ती बदली
न दरिया बदला
©bal_ram_pandey152 46 50- shiv__ Waah waah
- rituchaudhry 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
- jasminesharma too good ... kamaal✍✍
- bal_ram_pandey @jasminesharma @rituchaudhry @shiv__ @meen26 @succhiii ji shukriya
- vandna Beautiful
bal_ram_pandey 147w
सबक ज़िंदगी के याद हो जाते
सारे चेहरे काश बेनकाब हो जाते
सूख जाता ये ग़म का दरिया तो
हम चलकर उस पार हो जाते
मुंतज़िर है कब से ये आंखें मेरी
तुम मिलते अच्छे हालात हो जाते
दुआओं में मुझे शामिल कर लेते
गुनाह भी मेरे सारे सवाब हो जाते
रूबरू मुलाक़ात ज़रूरी है एक
सारे मसले खुली किताब हो जाते
गिले-शिकवे रंजोगम सब भुला कर
क्यूं न हम फिर से अहबाब हो जाते
©bal_ram_pandey146 57 63- reenaa_ Wahhhh behatreen anupam lekhan shelly
-
bal_ram_pandey
@reenaa_
@odysseus ji Shukriya @vandna Thanks @limra786 ji Shukriya - shashiinderjeet Waahhhh khooooob
- krati_sangeet_mandloi Waah, beyhdh umda aur shandar
- bal_ram_pandey @krati_mandloi @shashiinderjeet ji Shukriya
bal_ram_pandey 147w
आंखों में मैंने अब तन्हाई रख ली है
तेरी यादों से अब रिहाई रख ली है
क़ैद थे सपने जो रिहा कर दिए सारे
अदालते दिल में सुनवाई रख ली है
अब हम हैं नाराज़ ए ज़िंदगी तुझसे
हमने अब दिल तमाशाई रख ली है
हम बेखबर हैं अब खिल्वत ए ग़म से
हमसाए से भी हमने जुदाई रख ली है
शबे-हिज़्र अब है सफ़र मुसलसल मेरा
आंख में सब्र की रोशनाई रख ली है
©bal_ram_pandey151 51 58- jasminesharma bohat khuub
- odysseus Umda
- reenaa_ Wahhhh atynt khoobsurat
-
bal_ram_pandey
@odysseus ji abhaar
@reenaa_ Thanks
@jasminesharma thanks
@shivimishra shukriya
@ss2908 thanks - greenpeace767
उनमें से आपकी यक़ रचना यही है