समय के फ़ेर
कुछ रिश्ते समय के फ़ेर से परे होते है,
शायद यह फसलों के ताप में जलकर बड़े होते है।
इनमे ना कहने सुनने की जरूरत होती है,
एहसासों इशारों से ही विचारों के विस्तार होते है।
बिना निन्यानवे के फ़ेर के यह सम्बंध,
हर लेन देन, हर फ़ेर बदल से परे होते है।
मिलने की या शक्ल दिखाने की कोई बाध्यता नहीं होती है,
ना ही बिछड़ जाने से दरारों के पढ़ने का डर होता है।
मुलाकात हो तो ठीक ना भी हो तो कोई बात नहीं,
मगर जब भी मिले तो समय के चक्र मानो रुके होते है।
वो यार से गले मिलने के एहसास को कैसे बयान करूँ?
यह बताने को तो शायद मीर ग़ालिब के शेर भी छोटे होते है।
कुछ रिश्ते समय के फ़ेर से परे होते है,
शायद यह फासलों के ताप में जलकर बड़े होते है।
©--अनन्य
#judaai
116 posts-
the_un_heard 12w
9 0 1the_un_heard 14w
फ़िराक़ में हूँ फिर से दिल लुटाने को,
एक बार फिर से मोहोब्बत में गिर जाने को।
जाम बन चुका है कलम तैयार है
आज फिर शब्द तैयार है ग़ज़ल में बदल जाने को।
तुमसे शायद बस मिलना ही काफी था,
दिल फिर राज़ी है किसी और का हो जाने को।
मैं कैसे शुरू करू उनसे इज़हार-ए-इश्क का सिलसिला,
हर शब्द कम पढ़ने लगा है मेरी मोहोब्बत उनको बताने को।
अब हाल-ए-दिल का क्या है बयां 'अनन्य'
क्या फिर राज़ी है तू मोहोब्बत में गिर जाने को?
©--अनन्य3 0the_un_heard 17w
जबसे तुमको देखा
बहुत गुमान था चांद को अपनी चांदनी पर
जब से तुमको देखा है बादलों में छुपने लगा है
यूँ तो रोज़ रात गिरती है बूँदें सुइयों सी चर्ख से
तुमको देखते ही अब्र शायद बरसना भूल जाते है
समय जो कभी रुकता नहीं है किसी के भी लिये
जब भी तुमको देखूँ तो लगता है वक़्त भी ठहरने लगा है
लोग कहते है ना कि खुदा की रहमत है
उसका तुमको बनाना खुद खुदा पर ही नहमत सा लगने लगा है
कैसे बताये किसी को की तुम क्या हो
इस शायर का अब हर लफ़्ज़, हर अशआर, कम पढ़ने लगा है
मालूम है कि तुम्हारा मिलना इतना आसान नहीं,
पर क्या करें जब इन्तेज़ार का ही मज़ा बढ़ने लगा है
©--अनन्यPhoto By Alexander Andrews on Unsplash5 0the_un_heard 27w
अंजाम
अंजाम मालूम है फिर भी आ गया है
सफेद बिखरी चांदनी पर काला अब्र फिर से छा गया है
मुझे मालूम है कि तुमसे मुलाकात का कोई निशान नहीं
कमबख्त दिल का क्या करे जो तुम्हारे किवाड़ पर फिर से आ गया है
रक़ीब से वास्ता अब कोई नहीं है मेरा
महबूब दरिया दर्द का तैर कर मेरे पास आ गया है
मेरे दिल में तुम्हें ख़त लिखने ख़याल ही आया था
और देखो क़ासिद जवाब उनका लेकर मेरे पास आ गया है
अंजाम मालूम है फिर भी आ गया है
सफेद बिखरी चांदनी पर काला अब्र फिर से छा गया है
©--अनन्यPhoto By Ashwini Chaudhary on Unsplash4 0the_un_heard 40w
खो रहे है तेरे टुकड़े अब
तू खुदको ढूँढने अब मत आना।
मैंने बड़ी मुश्किल से सम्भाला है होश फिरसे
तुमसे दरख्वास्त है तुम लौट के मत आना।
वो जो बेशुमार मोहोब्बत लुटाई है तुम पर
इतना चाहता हू किसी पर इसका एक कतरा भी खर्च मत आना।
मैं तो जो टूटा, बिखरा, अब सब ठीक है,
किसी और के जहां में यूँ बारूद बन कर मत जाना।
खो रहे है तेरे टुकड़े अब
तू खुदको ढूँढने अब मत आना।
©--अनन्यPhoto By Alexander Andrews on Unsplash6 1 1-
k_charchit
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sumitsoni85 43w
Created: 31/08/2021
#Mirakee #Shayaries #Poems #MirakeeShayaries #MirakeePoems #Love #Pyaar #Separate #Judaaiफ़ितरत थी तुम्हारी,
हर बात पर मुझे गले लगाकर मनाने की.
आज तुम नहीं हो...
तो किसी बात पर रूठने को दिल नहीं करता.
©Sumit Soni3 0the_un_heard 49w
कुछ इस कदर भर दिया है उनकी यादों से,
कि अब शीशे में भी उसका ही चेहरा दिखाई देता
रो रो कर भर दिए हैं समंदर ना जाने कितने,
कि आंखों के दरिया में कतरा गेसु का एक नहीं दिखाई देता।
तुम पूछते हो के अनन्य कितनी मोहोब्बत है उन से,
कहता कि उनकी याद में क्या मेरा दिल चरागों सा जलता दिखाई नहीं देता?
©--अनन्य8 1the_un_heard 52w
एक खत, एक कविता
प्रेम में मैं एक खत, एक कविता से ज्यादा कुछ नहीं चाहता
और वो कुछ घड़ी और साथ गुजार ले इससे ज्यादा दिल क्या ही है चाहता
हर किसी से दिल लगा लूँ, वो, फितरत नहीं मेरी
हाँ बस एक चेहरा है जिसको ना देखूँ तो दिन नहीं जाता
वो जब भी मिले तो मेरा हाल पूछती है
उसको कोई जाके बताओ की उसके आगे मेरे होठों पर एक शब्द नहीं आता
लोग कहते है कि उससे जाके के की सिर्फ दोस्ती नहीं तू प्यार है चाहता है
मैं कैसे कहूँ, उसकी मुस्कान इस बात से खो ना जाये, यह डर मेरे दिमाग से नहीं जाता।
©--अनन्य8 0 1the_un_heard 55w
बिखरते अल्फाज़ है टूटे से है शब्द,
सच तो यह है कि इस रात में अधूरे है सब
पिघलते हुए दिल है होंठ हो गए है स्तब्ध
आलम यह है खुद ही से हारे है हम अब
की वो आके थामे थोड़ा पकड़ ही ले अगर
हाल ए दिल सुन ले तो ज़ख़्म भर जाये सब
©-- अनन्य10 0Lafzon me zindagi
Kuch yun zindagi ko alfazo me pirone ki chah thi
Par pta na tha lafz bhi teri iss kami ko na zubaan na de paenge
©jazbaat_aur_zindagi6 0Kya..??
Bikharr Jaane Par Bitooroge Kya..??
Dil Toot Jaane Par Bhala Jodogo Kya..??
©shayarsaab12 0the_un_heard 62w
मौसम का हाल
मौसम का हाल भी आज कुछ कुछ मुझ सा है
थोड़ा उखड़ा उखड़ा सा है मगर खुश सा है
बरसा रहा है जो अपने सारे आक्रोश को तीव्रता से
अंदर ही अंदर वो बादल आज कहीं चुप सा है
सुना रहा है सारी कहानियां मानो आज ही
किरदार उन सब में मगर कहीं गुम सा है
मौसम का हाल भी आज कुछ कुछ मुझ सा है
थोड़ा उखड़ा उखड़ा सा है मगर खुश सा है
©--अनन्य10 0 1Meri gumraahi bhi mere sath wafa krdeti hai..
Main raste se bhatak jau to manzil tak pohcha hi deti hai....
©ynandini_11 0 1Aaj fr teri yaadon ki barsaat hui
Aur mujhe samandar mein dubo le gyi..
©ynandini_18 4 1ynandini_ 64w
Kuch yun hi hai meri zindagi ka taapmaan
Kabhi teri yaadon ki Andheri aa jati h
To kabhi tere juda hone ki garmi satati hai..
©ynandini_8 0 1the_un_heard 64w
बवंडर
जीवन बवंडर सा लगने लगा है मुझे,
सब धूल धूल है, कुछ साफ़ नहीं
भाव व्यक्त करना आता है मुझे
जाने अनजाने सबकी पहचान है, बस एहसास नहीं
शब्दों के ताने बाने बुनने आते है मुझे
उत्तर हर प्रश्न का पता है, बस बोल पाता नहीं
जीवन बवंडर सा लगने लगा है मुझे,
मानो कोई जेल हो, जिससे निकालना आता नहीं मुझे
©--अनन्य8 0the_un_heard 65w
अगर!
अगर वो पूछ लें हम से तुम्हें किस बात का ग़म है
तो फिर किस बात का ग़म है अगर वो पूछ लें हम से।
तीव्र बरसते मेघ भी सूखी सुइयों से चुभने लगते है
जब वो बेहद ख़फ़ा हो जाता हम से।
मैंने भयंकर तूफान को भी शीतल पवन में बदलते देखा है
वो जब जब आकर मिला है हम से।
मैंने अपने पत्थर से दिल को बर्फ सा पिघलते देखा है
जब भी उसने जाते-जाते 'अपना खयाल रखना' कहा है हम से
अगर वो पूछ लें हम से तुम्हें किस बात का ग़म है
तो फिर किस बात का ग़म है अगर वो पूछ लें हम से ।
©--अनन्य16 1 3-
anukshasen
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"Dooriya ladhai se Nahi khamoosh rehne se badhti hai"
9 0Juda ho gye
Jab 2 insan, ek hi safar pe, ek sath chal rahe ho..,
Tab kisi ek ka thoda sa aage badh jaana kisi dusre ko kaafi pichhe dhakel deta hai..
©mr_inverted13 2muflisi_meri 104w
Lost Hopes & Broken Dreams
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Judai jo Rabb ne likhi hoti
To kismat Maan ke sabar kar lete
Par wo faisle hi faaslo ke kar baithe
To naseeb ko kaise dosh dete..
©muflisi_meri4 1-
sahil12345
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