इल्ज़ाम
जिनसे वफ़ा निभाई लगाते हैं वहीं इल्ज़ाम,
बेवफ़ा कह-कह कर करते रहे मुझे बदनाम।
बेहिस से दिल लगाई का सिला कुछ यूं मिला,
रिसता हैं ज़ख़्म हर्फ़ों में मिलता नहीं आराम।।
अर्चना तिवारी तनुजा ✍️✍️
©archanatiwari