मेरे भोले
तू नर में है ,तू प्रखर में है
तुहिं क्षितिज में ,घर में है
तुझ में समा का केंद्र है
संकल्प तू और स्वर में है
तुहिं अगम या है सुगम
कोई तुझसे कैसे दूर है
तेरा नदिश जो छू लिया
वह खुद में ही भरपूर है
यह सृष्टि तेरी अंश है
जो तू ना हो विध्वंस है
तेरे बिना ये जहान तो
जैसे मोहन बिन कंश है
हर कर्म हर संताप जो
मानव करे है पाप जो
होता वही है नीलकंठ
चाहे स्वयं हैं आप जो
पर क्यों अहम ये आ गया
कैसे प्रलय सा छा गया
अब भूल कर तुझको हे शंभू
कैसे सब बदला गया
क्यों कंकड़ों में नाम तेरा
ढूंढ ना पाता कोई
अब सब खुदी में व्यस्त हैं
गुण तेरा ना गाता कोई
हे रूद्र हे शंकर मेरे
किस ध्यान में तुम खो गए
नाराज होकर हमसे क्या
पर्वत पर अपने सो गए
गर हो उपस्थित तुम यहां
तो धर्म कैसे खो गया
या देखकर इसको हे स्वामी
नैन तेरा रो गया
यह आस्था की भूमि मेरी
टुकड़ों में क्यों हो रहा
कैसे यह भूल तुझको, खुद
स्वयं से हाथ धो रहा
है आखिरी यह विनय तुमसे
हे देवों के देवता
दिखाओ कोई राह सबको
हूं चरण में नेवता
©Badal Roy
badal_roy
-
-
♣Unhappiness ♣unfamiliar to me
-
badal_roy 53w
Who is
Think about who is the person who is thinking about you when you are thinking about you .
©badal_roy -
Confusing ! ( My Passion )
-
badal_roy 53w
जख्म
जख्म दिल पे लगे फिर भी सह लेंगे हम
चोट खाना हमारी तो आदत सी है
©Badal_Roy -
☺️ A child's imaginary tree ☺️
A tree that dance
With me at night
The moon looks too big
that glows with milky light
He plays with me ,
He sings so sweet
And gives me glowing fruit
To play and eat
The stars looks like miracle
When comes near me
They floats in my surroundings
And sits on that tree
The whole night we fill
With laugh and so fun
Then mum calls like daily
To wake up and run
I go to my boring school
And always remember those nights
And wait to lay on bed
When mum will off all lights
©badal_roy -
badal_roy 55w
बस रहे !
कोई करिश्मा करे खुदा की सब भला सा रहे
भर जाए घाव फिर भी भीतर जला सा रहे
काम पूरा हुआ या बाकी कोई फर्क नहीं
तम्मन्ना दिल की यही है कि सब टला सा रहे
ठिठक के लटका रहे चांद आसमानों में
मगर ये सर्दियां काहे यहां बला सा रहे
ये सौक रुक ना जाए मोड़ पे कहीं जाके
जिंदा ये जब तलक रहे तो मनचला सा रहे
किसी की ज़िंदगी किसी से छुप के रहती क्यूं
सभी की बातें हर किसी से बरमला सा रहे
©badal_roy -
badal_roy 55w
अच्छे
जो हंथों हांथ बिक जाएं,
वो आम अच्छे हैं ।
जो यूं ही सबको दिख जाए,
वो काम अच्छे हैं ।
इरादे उनके आसमां से बुलंद होते हैं ।
जो सबके दिल पर लिख जाए ,
वो नाम अच्छे हैं।
©badal_roy -
badal_roy 55w
जिंदगी
जिंदगी के हर मोड़ पे ,
साथ कौन देगा ?
यूं ही फिसलते रहोगे, तो
हांथ कौन देगा ?
इस तरह मुस्कुरा के जिंदगी,
गुजारोगे कैसे ,?
सभी अपने होंगे ,तो
घात कौन देगा ?
©badal_roy -
badal_roy 57w
तू नर में है, तू प्रखर में है,
तू हीं क्षितिज,में घर में है।
तुझमें समा का केंद्र है,
संकल्प तुं और स्वर में है।।
तू हीं अगम या है सुगम,
हम तुझ से कैसे दूर हैं।
तेरा नदीश जो चू लिएं,
तो खुद में ही भरपूर हैं।।
ये श्रृष्टि तेरी अंश है,
जो तु ना हो विध्वंस है।
तेरे बिना ये जहान तो,
जैसे मोहन बिन कंस है।।
हर कर्म हर संताप जो,
मानव कारे है पाप जो।
होता वही है संभु,
चाहे स्वयं हैं आप जो।।
पर क्यूं अहम ये आ गया,
कैसे प्रलय सा छा गया ?
अब भूल कर तुझको हे भोले,
कैसे सब बदला गया ??
क्यूं कंकड़ों में नाम तेरा,
ढूंढ ना पाता कोई ?
अब सब खुदिं में व्यस्त हैं,
गुण तेरा ना गाता कोई।।
हे रुद्र हे संकर मेरे,
किस ध्यान में तुम खो गए ?
नाराज होकर हमसे क्या,
पर्वत पे अपने सो गए ?
गर हो उपस्थित तुम यहां,
तो धर्म कैसे खो गया ?
या देखकर इसको हे स्वामी,
नैन तेरा रो गया ??
ये आस्था कि भूमि तेरी ,
टुकड़ों में क्यूं हो रहा ?
कैसे ये भूल तुझको ,
खुद, स्वयं से हांथ धो रहा??
है आखरी है विनय तुमसे,
हे देवों के देवता।
दिखाओ कोई राह सबको,
हूं शरण में नेवता।।
️ बम भोले⛰️मेरे भोले
Read in captions
©badal_roy
