तारा⭐
हसरतों के आसमान पर टिमटिमाता है इक तारा,
इक रोज़ छू कर मेरे व्यथित हृदय को है पुकारा।
पाषाण सी थी मैं जाने कब से!मोम सी पिघल गई,
खुशियों से भर कर दामन मेरा जीवन है संवारा।।
अर्चना तिवारी तनुजा ✍️
©archanatiwari
archanatiwari
@archanatiwari_tanuja
-
-
समय
समय की तेज है धारा, संतुलन बनाते रखना,
भवसागर है ये जीवन,तैर कर है पार उतरना।
सुख-दु:ख है लहरों जैसे, मोह-माया के बंधन,
सदा धैर्य की थाम पतवार, आगे बढ़ते रहना।।
अर्चना तिवारी तनुजा ✍️
©archanatiwari -
कर्ज़-ओ-फ़र्ज
इंतज़ार में हूं कोई तो सुने मन की पीर मेरी,
आक्रोश का जिगर में चुभा है जैसे तीर मेरी।
हर फ़र्ज़ निभाते को हरदम है तैयार हम,
मेरे वतन की धरती से जुड़ी तकदीर मेरी,
आश्रय दिया है तूने हम भी क़र्ज़ उतारेंगे,
इसकी माटी से ही बनी है ये तस्वीर मेरी।
तेरी ही गोद मे तो खेल कर हम बड़े हुए,
इक तू ही तो है मातृभूमि सारी जागीर मेरी।
तुझ बिन तो कुछ भी नहीं है मेरी पहचान,
जो दिया तुमने दिया! तू ही है तासीर मेरी।
तुझसे है जुड़ा रिश्ता नाता अपने पन का,
तुझसे होती अक्सर दिल की तकरीर मेरी।
कोई बुरी नज़र से तुमको देखें सहन नहीं!
लेने उस दुश्मन के प्राण खिचे शमशीर मेरी।
ऐ मादरे वतन की ज़मी तुझ से मेरा जीवन,
तुझसे ही उभर कर आती हर तहरीर मेरी।
जहाँ मे मै चाहे जहां भी रहूँ ऐ भारत भूमि,
आत्मा से तुझसे ही जुड़ी इक़ जंजीर मेरी ।
गौरव गाथा सारे जग में हिंदुस्तान की गाते,
तिरंगा है शान यही बने कफ़न का चीर मेरी।
जीवन पथ पे हर पल में बढ़ती जा रही हूँ,
अंत समय तुझसंग जिस्त की हो ताबीर मेरी।।
©archanatiwari -
इल्ज़ाम
जिनसे वफ़ा निभाई लगाते हैं वहीं इल्ज़ाम,
बेवफ़ा कह-कह कर करते रहे मुझे बदनाम।
बेहिस से दिल लगाई का सिला कुछ यूं मिला,
रिसता हैं ज़ख़्म हर्फ़ों में मिलता नहीं आराम।।
अर्चना तिवारी तनुजा ✍️✍️
©archanatiwari -
अलविदा
अलविदा कहना तो आसान नहीं था,
कह दे के इश़्क तेरा बेईमान नहीं था।
ज़ज़्बातों से मेरी खेलता रहा बार-बार,
दिल हमारा था कोई गुलदान नहीं था।
अर्चना तिवारी तनुजा ✍️ -
हर्ष
पल-पल कर के जीवन के बीते कितने वर्ष,
जो हरि दर्शन हो जाये हृदय को मिले हर्ष।
बस और न कुछ मैं चाहूं मेरे प्रभु जी तुमसे,
प्रभु चरणों की रज बनूं यही है मेरा उत्कर्ष।।
अर्चना तिवारी तनुजा ✍️
©archanatiwari -
मुस्कान
कुछ ऐसा कर के चेहरे पे खिले मुस्कान,
दिल के तारों से छेड़ सरगम यूं दें तू तान।
न कर तू फिकर किसी की जी भर जी ले,
यहां जीने को चाहिए मुट्ठी भर आसमान।
सुख-दु:ख तो आनी जानी धूप-छांव जैसे,
कदम-कदम पे लेंगे तेरे धैर्य का इम्तिहान।
इक बार जरा शिद्दत से मुस्कुरा के तो देख,
खिलखिला के हॅंस पड़ेगा संग सारा जहान।
कुछ ऐसा करो हर चेहरे की मुस्कान बनो,
जैसे महकता हुआ कोई खूबसूरत गुलदान।
हर दिल अज़ीज़ बनने का हुनर ला खुद में,
चर्चें हो नेक दिली के तेरी हो ऐसी दास्तान,
उदासियों को घर न बनाने दो खुद के भीतर,
वरना हो जायेगी राह-ए-ज़िन्दगी में थकान।
बातों में मिठास हो घुली जो दिल तक उतरें,
अदब से भरी हुई ऐसी होनी चाहिए ज़ुबान।
अर्चना तिवारी तनुजा
©archanatiwari -
मेरा प्यार
ये साथ हमारा कितना प्यारा,
इक़ दूजे का हम बने सहारा।
मेरा प्यार और जीवन तुम्हीं,
खुशियों से महकें घर हमारा।।
अर्चना तिवारी तनुजा ✍️✍️
©archanatiwari -
ग़ज़ल:-१०
वज़्न-: २१२२ १२१२ २२/११२
दिल लगा बैठे हम तो पत्थर से,
क्या शिकायत करें सितमगर से।१।
सख़्त लहज़ा दिखा रहे हैं वो,
कितना टूटा है झन्फ अंदर से।२।
हर किसी को न इश़्क हासिल है,
उन्स मिलता बड़े मुकद्दर से।३।
अब ज़मीं पे कदम न ठहरे है,
बात करता है वो तो अंबर से।४।
है गुमा उनको अपनी हस्ती पे,
अक्ल आयेगी उन्हें ठोकर से।५।
तन्हा मंज़िल तलाश लेंगे हम,
क्या गरज है किसी रहबर से।६।
चालबाजी से काम लेते हैं,
वार करते हैं वो तो खंज़र से।७।
जब तलब इश़्क की जगे तनुजा,
प्यास बुझती नहीं समंदर से।८।
अर्चना तिवारी तनुजा ✍️✍️
©archanatiwari -
महक
महक उठा मेरा जीवन इक तुम्हारे आने से,
सफ़र हुआ आसां तुझे हमसफ़र बनाने से।
तू जो रुठे तो रुठ जाती है हर खुशी मुझसे,
डरती हूं तसव्वुर में भी तुझसे दूर जाने से।।
©archanatiwari
-
उसकी बाहें पुष्प की डाली की सी हैं
जिनमें महकती है इश्क़ की खुशबू
जगाए मुझे नींद से ख़्वाबों में आकर
इस दिल की बस यही है आरज़ू
©7saptarangi_lekhan -
मिरे लहज़ों में नज़ाकत , खुमारी या मस्ती ना ढूँढो
मैं न तो बुलबुल-ए-चमन हूँ और न शाख़-ए-गुल !
©yusuf_meester -
yusuf_meester 10w
मर्दों की बदसूरती उनकी खाली जेब होती है
-
deovrat 9w
मंज़र
●●●
नाउम्मीदियों का आलम है वीरान सा शहर।
उदासियों का मंज़र जहाँ तक हद-ए-नज़र।।
उन ख़ुश्क निगाहों में 'अयन' झाँक तो लिया।
कुछ पामाल तमन्नायें थीं बिखरी इधर उधर।।
●●●
©deovrat 'अयन' 11.03.2022 -
_suno_ajanabi_ 17w
सुनो अजनबी... !!
रात भी नींद चुराने लगी,
नींद भी ख्वाबों की नीलामी करने लगी..
धड़कने भी खामोशी से धड़कने लगीं,
जब से तुम मेरी जिंदगी में आए हो... !! -
jazz_baaatt 11w
फायदा जंग से किसी को दिखता होगा
हमें लाशें दिखती हैं सो रो रहे हैं
©jazz_baaatt -
jazz_baaatt 11w
बांटने को तुम गलत ठहराते हो ना
देखो प्रकृति ने भी तो बांटा है
चीड़ के पेड़ और नीम के पेड़ में अंतर है
एक बिल्ली एक जिराफ से अलग दिखती है
एक सियार चूहा नहीं हो सकता
मछली के लिए पानी है
और चिड़िया के लिए आसमान
लोहा पिघलता है
रेत नहीं
फिर तुम क्यों कहते हो
इंसानों का बंटवारा ग़लत है?
पर मुझे यह बताओ
क्या, एक नीम का पेड़ दूसरे से मेल नहीं खाता?
©jazz_baaatt -
शेर/شعر
نہ خانے کتنے لوگوں کے لہو میں ڈوب کر اس نے،
حکومت ہے کیا حاصل رآیا کا خدا حافظ۔
ना जाने कितने लोगों के लहू में डूब कर उसने,
हकूमत है किया हासिल रेआया का ख़ुदा हाफ़िज़।
©ishq_allahabadi -
तू आकर रखता हाथ कभीं इस दिल पर
तो टूटे हुए हिस्से, मेहसूस तुझे भी होते
©gauravs -
बिना स्वार्थ किसी का भला करके देखिये
आपकी तमाम उलझनें ऊपर वाला सुलझा देगा ..
~अज्ञात
