ये सब कहने की बात है कि ऐसा हो नहीं सकता
मुहब्बत में जो दिल मिल जाए फिर क्या हो नहीं सकता
©akshneh
akshneh
hr successful ldki ke pishe use dher sara pyar krne bale papa hote hai love you pops ....
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akshneh 119w
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akshneh 121w
मुस्तनद रास्ते, वोही माने गए,
जिनसे होके, उसके दीवाने गए,
लौट आए, जितने फरजाने गए,
हक ए मंज़िल, सिर्फ दीवाने गए।
©akshneh -
奇妙な生き物
टूट कर चाहा था जिसे वो, आज फिर मिलकर हमसे दूर हो गए
वजह तो हमें भी नजर न आई उनके रूठने की ,
नाजाने क्यों वो हमको भूलने पर मजबूर हो गए ,
पता नहीं किस बात से हमारी खफा थे वो ,
कि हमारे बीच के रिश्ते यूं चूर चूर हो गए ,
कल तक जो हमसे घन्टो बाते किया करते थे,
आज हम उन्हीं के लिए बेफिजूल हो गए ,
कल तक जिनकी जुबां पर मेरा नाम था ,
आज उन्हें ही हम नामंजूर हो गए ,
आखिर किया क्या था हमने ,
जो यूं वेगुनहा होकर भी गुनाहगारो की तरह मशहूर हो गए,
उनकी खुशी के लिए आज हम भी उनसे दूर हो गए ,
बस कुछ पल के ख्वाब थे वो जो आखं खुलते ही कही गुम हो गए।
©akshneh -
akshneh 123w
तुम्हारा दिमाग था, घमंड से भरपूर,
कुदरत ने किया है, सब चकनाचूर,
चलना था, धरती पे ऐसा तुम्हारा,
जैसा नहीं हो, कोई सानी तुम्हारा,
भरी सभा में खुद की तारीफ करना और करवाना,
इस धरती को, फिरोन के शासनकाल जैसा बनाना।
खाते थे कसमें, जिस जनता की तुम,
कहां हो गया ज़मीर, अब तुम्हारा गुम।
खौफजदा हो तुम अब ऐसे,
नफ़रत हो गई है, तुम्हें खुद से जैसे।
जिस्म की मौत नहीं है, असल मौत,
ज़मीर का मर जाना, है असल मौत।
ये मिट्टी का जिस्म नहीं है सदा रहना,
ज़मीर है, सिर्फ इसका,एकमात्र गहना,
बाबा नानक का, ऐसा है कहना।
....by イサ-アカシェ
©akshneh -
हिंदू मुस्लिम हम थे करते,
लड़ते थे, पल पल इसके नाम पे,
फिर, कोरोनावायरस आया ।
इसने, हमें इंसान बनाया।
लड़ रहे थे सब एक हो के ऐसे,
बैर हो गए हो सब ख़त्म, सबके जैसे।
फिर आयी रखेल मीडिया,
शैतान का रूप धर के मीडिया,
काम करे ये सियासत के, कोठे पे,
चुलू भर पानी भरके, डूब मरे ये लोटे में।
©akshneh -
akshneh 123w
कहाँ बैठ के लिख रहा है लेख सारा...
खुदा हमको तो तूने हैरान कर दिया...
खड़ी रह गयी गाडियां,बसें,और जहाज...
फालतू एक पल में सारा सामान कर दिया ...
सब आस्तिक नास्तिक देख रहे हैं ...
मालिक एक हैं ये तूने ऐलान कर दिया ...
एक मिनट का जिसके पास समय न था ...
कैद घरों में बो इन्सान कर दिया ...
अब तेरी रजा हैं और तू ही जानता है ...
हमारा फायदा किया तूने या नुकसान कर दिया !!! -
कोरोनावायरस ने बहुत सी अच्छी चीज़े भी सीखा दी:
1. हम बहुत कम पैसे में भी गुजरा कर सकते है, बाकी ज्यादा पैसा तो दिखावे में जाता है।
2. गरीबों की इम्यूनिटी अमीरों से बहुत ज्यादा होती है।
3. इस देश में बहुत से अच्छे लोग है, जो अब गरीब लोगों की मदद कर रहे है,
पर पैसा उनको मौत से बचाने की लिए लगाया का रहा है,
यदि यही पैसा उनके जीने की लिए लगाया जाए तो भारत को दुनिया में सबसे समृद्ध बनाने से कोई नहीं रोक सकता।
4. क्रिकेट खिलाड़ियों और बॉलीवुड की बजाए हमें डॉक्टरों की ज्यादा जरूरत हैं।
5. यदि लोग ज्यादा पढ़े लिखे होंगे, तब हमें कम से कम हॉस्पिटलों की जरूरत पड़ेगी,
पर सरकारी स्कूलों की बुरी हालत है, और प्राइवेट शिक्षा के नाम पे गौरख दंधा कर रहे है।
5. मंदिर, मस्जिदों से ज्यादा हमें स्कूलों और हॉस्पिटलों की जरूरत है।
6. कुदरत के साथ खिलवाड़ ना करो, ये हमारा खिलवाड़ भी करेगी।
7. धर्म के ठेकेदारों की पोल खुल गई है,
हिन्दू गौ मूत्र पीला रहे है,
मुसलमान ताबीज़ बांट रहे है,
और हो कुछ नहीं रहा।
8. वेदों, क़ुरान, बाइबल, गुरुग्रंथ साहिब, तल्मूद इतियादी के अनुसार सबसे बड़ा धर्म भूखे को खाना खिलाना है,
जबकि इसका असल में ज्यादातर पालन सिक्ख ही कर रहे हैं।
9. साइंस के अनुसार जितना ज्यादा हम साफ सफाई रखेंगे, उतना ही हमारे आसपास पॉजिटिव एनर्जी बनी रहेगी, जिससे लोग जयाद खुश रहते है,
जो कि हमें कोरॉना सीखा रहा है।
©akshneh -
हुआ है कोरोना की वजह से कैद तू,
क्यूं फड़फड़ाए अब बेचैन तू,
खुद ही खुद के साथ रहने से घबराए तू,
इक मौका है तुझे, खुद को पहचान तू,
ख़ुशी की तलाश, कर रहा है,तू जो,
मिलेंगी नहीं बाहर, तुझे वो,
ज़रा सा खुद के अंदर, जांक तो,
मिलेगी तुम्हे तेरे अंदर ही वो।
हमेशा दूसरों के दिलों में अपने लिए मोहब्बत तलाश करे, तू क्यूं?
कभी खुद के दिल में भी, खुद की लिए, मोहब्बत तलाश करे ना, तू क्यूं?
©akshneh -
माझी में तू क्या था,
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता,
हर इक सुबह, नई इब्दिता है।
तिशनगी, दिल में कर बुलंद तू ,
जिद्दो जहद को रख मूसलसल तू,
मुस्तकबिल में इक दिन, खुदा से रोशन होगा तू।
©akshneh -
akshneh 126w
पहले घोंप कर सीने में, वो खंजर,
फिर पूछते है कि तू तकलीफ में क्यूं है?
फिर लगाते है, वो मरहम,
होता है जिसमें नमक,
फिर पूछते है कि तू तकलीफ में क्यूं है?
करना चाहते है मेरी ज़िन्दगी का, हर वो फैसला,
जैसे मौत के बाद किया जाता है, इक मुर्दे का,
फिर पूछते है, तू जिंदा क्युं नहीं है?
©akshneh
