सुनो! कहना ज़रूरी है क्या
समझ जाओ न 'जज़्बात' मेरे,
डर लगता है तुमको खोने से
हैं बिगड़े अभी 'हालात' मेरे...!!
©agrawal_diary
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कैसे दी है ये तरकारी
दाम लगाना कम और वाज़िब
क्यों करते हो मोल भाव इतना
"मैं पहले ही मुर्दा हूँ साहिब"...!!
©agrawal_diary -
agrawal_diary 15w
सादगी से भरी
संगीत की देवी है वो
आज विदा हो चली
सुरो की वेदी है जो...
है कंठ में कोयल बसी
स्वर कोकिला का मान मिला
उनकी आवाज के जादू से
जन जन का मन खिला...
चाहे लाना हो आँखों में पानी
या प्रेम का पाना हो शिखर
आवाज़ इनकी हृदय में छपती
रोम रोम जाए सिहर...
जो कल तलक साथ थी
वो भारत रत्न खो गया
आज उनकी बात सुन
ज़माना भी रो दिया...
चलो करो विदा नम आँखों से
दे दो सब अंतिम विदाई
क्योंकि खुदा के घर में अब
होने वाली है रोशनाई...!!स्वर कोकिला
चलो करो विदा नम आँखों से
दे दो सब अंतिम विदाई
क्योंकि खुदा के घर में अब
होने वाली है रोशनाई...!!
©agrawal_diary -
साथी
कोई बात हो तो बाँट लो मुझसे
गमो को खुद में 'बसाया' न करो...
हूँ साथी तेरा कच्चा पक्का सा
घुट घुट कर खुद को 'रुलाया' न करो...
है ज़िन्दगी में धूप घनी तो क्या
साये को छाँव में 'छुपाया' न करो...
न ऐतराज करूँगा तुम्हारा जाना
जब मन हो मिलने 'आया' करो...
जो उखड़ा उखड़ा मन हो कभी
दुःख को हँसी के छल्ले में 'उड़ाया' करो...
है एक आँसू भी तेरा बड़ा क़ीमती
सहेज़ लो इनको, न 'ज़ाया' करो...
सिर रख लो अपना, मेरी गोद में जाना
तुम क्या हो... खुद को 'बताया' करो...
बाँट लेंगे सुकून के पल साथ में यारा
कुछ वक़्त साथ में 'बिताया' करो...
©agrawal_diary -
बहुत बार हम खुद को समझाना चाहते हैं या चाहते हैं कि कोई हो जो हमको समझाए पर... न हम खुद को समझा पाते हैं ना कोई हमारे पास होता है समझाने के लिए...
और जो लोग होते हैं वो हमको अपने अपने तरीके से समझा रहे होते हैं उनका समझाना हमारी समझ में आता नही...
तो अब बात ये है कि इस हताशा, उदासी, घुटन, अकेलेपन को कैसे दूर करें...??
ऐसा क्या है जो हमें इससे निकाल सकता है...??
©agrawal_diary -
agrawal_diary 17w
ऐसा पहले कभी नही हुआ... पर अब, शामें बोर सी लगने लगी हैं...जब सर्दी में धूप न आये तो दिन बड़े हो जाते हैं और रातें ... वो तो करवट लेने में ही गुज़र जाती हैं...
हाँ बस एक सुबह है, जिससे मेरी मुलाकात कभी नही हुई, शायद इसलिये मेरी ज़िंदगी में भी सुबह नही हुई...!
माँ कहती है बहुत मोबाइल चलाती हूँ मैं और दोस्त जानकार कहते हैं... आजकल कहाँ गायब रहती है... एक खालीपन में भी उधेड़बुन सी करती रहती हूँ...!!
पता नही क्या हर वक़्त ढूँढ़ती की कोशिश करती हूँ...मैं भी पागल ही हूँ! गूगल और you tube पे ढूँढने की जगह शायद अपने मन में देखना चाहिए था कि मैं क्या चाहती हूं..
बहुत बार कई डिग्री जमा करना या एक नीरस सी 9 से 5 की जॉब करना आपको सुकून नही दे पाते... क्योंकि हर इंसान इस पैमाने पे fit नही बैठ सकता।
फिर ज़िन्दगी बोझ सी लगने लगती है ... और सबसे बड़ा बोझ हम खुद बन जाते हैं...
पता नही कैसे पता नही चला ... रातों को तारे देखने वाली, दिन में धूप के साथ लुका छुप्पी खेलने वाली, कब खुद में छुप गयी। जाने कैसे खो बैठी खुद को...
किसी की ज़िन्दगी में बहुत लोग होते हैं और किसी के एक या दो... पर कोई साथ कब तक देगा.?? आख़िर में आपको जिस शख़्स की ज़रूरत पड़ेगी वो आप ही हैं।
बहुत देर बाद मुझे इस बात का एहसास हुआ... पर ज़िन्दगी में कभी भी कुछ शुरू करना हो न तो ये न सोचें कि अब वक्त नही... क्योंकि ज़िन्दगी कभी भी कहीँ से भी एक नए सिरे से शुरू हो सकती है।
तो निकल पड़ते हैं ज़िन्दगी में ज़िन्दगी को ढूंढने के सफ़र पे और मिलते हैं एक नए खुद से...
अगर आप भी नए सफ़र को शुरू करने की सोच रहें हैं तो यही कहना है..." पा लो खुद को "...!!
©Meenu Agrawalपा लो खुद को ...!!
(अनुशीर्षक पढें )
©agrawal_diary -
agrawal_diary 17w
लड़की ने जब सीखा 'चोटी' गूँथना
तो सिखाया गया उसे
रिश्तों की डोर को प्रेम से गूँथना...!!
जब सीखा उसने बालों का 'जूड़ा' बांधना
तो सीखा उसने
परिवार को दिल से बाँध के रखना..!!
पर जब चाहा उसने
बालों को खुला छोड़ना
तो लगी उसपे 'पाबंदियाँ'...
और सिखाया गया उसे
हद में रहना ...
उड़ने पे पर कतरने का डर
और दबा दी गयी उसकी
आज़ाद रहने की 'ख़्वाहिश'...!!रे स्त्री! क्यों हैं तेरे पैरों में बेड़ियाँ ...??
(अनुशीर्षक पढें )
©agrawal_diary -
agrawal_diary 17w
नम सी आँखों से
रिस रही हैं बूँदें...!!
ये आँसू नही आस है
जो उस पल टूट जाता है
जब इम्तिहान के अंक हमसे
छीन लेते हैं उड़ने का हौंसला...
मन में बैठा देते हैं
कि लायक नहीं हम
कम आँकते हैं खुद को
हारा हुआ महसूस होता है...
माना स्वाभाविक है
दर्द, या कुछ पल का रोना
पर कहाँ तक सही है
टूट कर बिखर जाना...
खुद को दुबारा सपने
देखने के नाक़ाबिल समझना...
ये तो पेड़ या दीवार पे चढ़ने से पहले
चींटी को भी पता होता है
कि वो एक नही हज़ार बार गिरेगी
पर क्या वो प्रयत्न छोड़ देती है...
तो खुद सोचो न!
आप भी एक प्रयास में
सफ़ल हो जाएंगे
ये किसी पुस्तक में नही लिखा
लिखा है तो सिर्फ ये....
"कोशिश करने वालों की हार नही होती "!!
तो वापिस से बटोरो
अपने साहस के टुकड़े
और जितना पीछे तुमको
वक़्त ने पछाड़ मारी है
उतनी ही गति से
तुम वक़्त को पछाड़ दो...
क्योंकि तीर भी जितना
पीछे खींचा जाता है
उतनी ही तेज़ रफ़्तार से
वो अपना लक्ष्य साध देता है...
सुन पथिक...!!
"न समझ खुद को कंकड़ पांव का
न तू धूल है राह की
तेरी मंजिल तो उस ओर है जहाँ...
तूने दृढ़ निश्चय और चाह की..."For all students
Exam में फेल होने का अर्थ
ज़िन्दगी में हार मानना नही होता...!!
जीतने के लिए खुद को तैयार करे...
(Read in caption )
©agrawal_diary -
बाँध लिया है 'खुद' को मैंने
मन में किसी कोने में,
बहुत फर्क पड़ता है जनाब
'जीने' और 'जिंदा' होने में...!!
©agrawal_diary -
शादी के बाद महसूस हुआ
मुझे पिता और पति की इज़्ज़त के साथ
अपना अस्तित्व भी संभालना चाहिए था...!!
©agrawal_diary
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mysteriousde 14w
#mirakee #miraquill #hindi #urdu
#life
@hindiwriters
Song for today ~
KISI KI MUSKURAHATON
PE HO NISHAR..♥
भूल जाती है पिछली ठोकरों को,
जिंदगी देख कर नहीं चलती !!
~gulzarनज़र ना आये ऐसा दर्द देती है
जिंदगी मुझे टुकड़ो में मिलती है !!
©mysteriousde -
rani_shri 14w
Lessons of Life
#part1
When I was in class seven. My English teacher gave us a sentence in Hindi and asked each of us to translate it. The answer of that sentence was - "I have no pen". And I have written it correctly on the page. But then I saw a girl, whom i used to consider a lot and was also an intelligent one, had written it as 'I don't have a pen'. That time i erased my right answer and copied the wrong one because for me she was a bright person. Also girls around me have written similarly wrong answers. I didn't care if I was confident over my answer, her wrong answer broke my confidence and all the confidence went out it the wrong one.
In the class of 100+ students when teacher wrote the right answer 'i have no pen.' and asked if any of us has written the right one. But there wasn't even a single girl who has written the right answer. I wanted to say that I had written but due to the fear of scolding and to be taken as a joke I remained silent. It was not she who made me wrong it was me myself who proved that my confidence is lower than her persona.
But later on I regretted a lot that why did i lose my own confidence just for the sake of other's righteousness.
Lesson- If you're confident that you're right, don't loose your own confidence. Just because it's the crowd don't follow it because it never assures that the crowd will be more relevant. Be confident for whatever you do. Don't let other's perception or action affect your confidence.
Lessons of Life
#part2
While joining Miraquill, it was my full attitude or kinda ego of not following anyone. Even followed someone, I used to unfollow after sometime, so that to maintain the majestic approach of mine or you can say, the attitude of mine. My following list never used to go more than 20-25. While it used to go 45 or 50, i kept unfollowing. I was like, Rani! you just have to be leader not the follower and a low following will show that you're so superior and people will respect you. Then I saw one of the writers, who had a huge huge fan following, ( i guess if i had 200 followers he had 2000 at that time), had followed a lots of people and encourages everyone. That day i totally changed my perception that if this guy having such fan following is so down to the ground then who the hell I am not to follow people. I often thank him for indirectly changing my perception. Since then, it's been more than two years, my following list which never had grown to 30+ is now 300+. Even when sometimes I think to unfollow everyone, I just remember him and stop thinking nonsense.
Lesson- To be a best leader, you must have to be a good follower. I won't become superior or inferior by following or not following others rather it will sound like I am unfamiliar. Less following doesn't make you superior or inferior but a huge following shows how down to earth you're. If you follow more, it never makes sense that you're cheap or kinda follower of every second person. All thanks to him for changing my perception.
These small lessons can change one's life and perception of living it. Try to adopt these lessons.
~Rani Shri
#life #wod @writersnetwork cheers broLessons of Life
©rani_shri
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amateur_skm 14w
एक मिनट
11:01
केशव: डॉक्टर साहब! मेरी मीरा कैसी है?
डॉक्टर1: ऑपरेशन चल रहा है।पांच मिनट में आप सबको खुशखबरी मिल जायेगी।
(इतना कह कर ऑपरेशन थिएटर का दरवाजा बंद हो गया)
11:02
केशव: मां!मेरी मीरा सही तो होगी ना,मेरा जी बहुत घबरा रहा है।
मां: बेटा!सब ठीक होगा।तुम थोड़े देर के लिए बाहर खुली हवा में घूम लो।
(केशव बाहर चला गया)
11:03
ऑपरेशन थिएटर में,
डॉक्टर2: हमें हर हाल में मां और बच्चे को बचाना है। नर्स तुम ecg पर ध्यान देती रहो।
नर्स इंस्ट्रूमेंट चेक करने लगी।
11:04
मां: केशव!
केशव: मेरा मन नहीं लग रहा है।(तभी,
डॉक्टर: बहुत बहुत बधाई सबको!गुड़िया आई है आपके घर।
केशव के घर में सब खुश हो गए।
केशव: मेरी मीरा कैसी है?
डॉक्टर: आधे घंटे के अंदर होश आ जायेगा। घबराने की जरूरत नहीं है।
11:34(मीरा को होश आते ही)
मीरा: डॉक्टर साहब मेरा बच्चा,उसे गोद में दे दीजिए!
(मीरा बच्चे को गोद में लेते ही रोने लगी)
11:35
मीरा की आँखें बंद होने लगी , ऑक्सीजन लेवल तेजी से नीचे गिरने लगा। एक ही मिनट के अंदर केशव की दुनिया तबाह हो गई।
डॉक्टर: सॉरी केशव! हम मीरा को बचा नहीं पाए।
तभी मीरा को साथ ले जाने के लिए मृत्यु खड़ी थी
मृत्यु: चलो मेरी प्यारी बेटी साथ!
मीरा: आपने मुझे एक मिनट दिया अपनी बेटी को गोद में लेने के लिए!
मृत्यु: मैं इतना भी निर्दयी नहीं हूं,जो एक मां के लिए इतना भी ना कर सके।
मीरा: मेरा केशव!मुझसे कितना गुस्सा होगा। मैंने उससे वादा किया था कि मैं उसके हर कदम के साथ कदम मिलाऊंगी।
मृत्यु: तुम्हारी सारी समस्याएं अब मेरी है प्यारी बेटी।केशव सब सम्हाल लेगा,अपनी बेटी की भी चिंता छोड़ दो। तुम्हें तितलियां पसंद हैं ना, मैंने अपने बागीचे में तुम्हारे पसंद के फूल खिलाए हैं।
मीरा उंगलियां पकड़े चलने लगी।
इधर हॉस्पिटल में,
केशव: डॉक्टर साहब!एक बार कोशिश कर लेते आप ,मेरी मीरा!!
डॉक्टर ने बच्चे को केशव को दे दिया
केशव: मां मां!इसकी आँखें एकदम मीरा जैसी हैं भूरी भूरी और इसकी नाक चपटी (इतना कहते केशव के आंख से आंसू गिरने लगा)
/सौरभ -
empty__heart 17w
जी करता है 'मैं' बहा लूं अपने आंसू सारे,
आज फिर समंदर की आबरू बचाए गए हैं!
#She
#empty__heart
लिबास : कपड़े
आबरू : Prideज़ख्म जिनको भी दिखाए गए हैं,
ज़ख़्म उनके भी फिर छुपाए गए हैं!
हम चाहत भी बयां नहीं कर सकते,
सितम ज़िन्दगी पे इतने ढाए गए हैं!
आशिकी सिमट गई है अब जिस्मों में,
अब जिस्मों से बस लिबास हटाए गए हैं!
ये कहना गलत है, टूटे हुए लोग तोड़ते नहीं,
हमसे तो समेटते हुए ज़ख्म खाए गए हैं!
अब इतना अंधेरा है दिल की गलियों में,
की अंधेरों से भी रौशनी चुराए गए हैं!
जी करता है 'मैं' बहा लूं अपने आंसू सारे,
आज फिर समंदर की आबरू बचाए गए हैं!
#She
©empty__heart -
rani_shri 17w
#nayab_naushad
Read on the tune of Hosh walon ko khabar kya
Good bye people (just came to post it)2122 2122 2122 212
गीत लिखने के हुनर को, मौसिकी क्या चीज़ है,
बेवफ़ाई को समझ क्या, आशिकी क्या चीज़ है।
फ़र्क क्या है इश्क दोबारा अगर हो जो कभी,
इश्क तो है इश्क़ पहला, आख़िरी क्या चीज़ है।
वो करे जो तंज हर पल, बिन समझ हर शेर पर,
अब उसे हम क्या बताएं, शायरी क्या चीज़ है।
अनकही कोई कहानी, कह रही है खामुशी,
कब समझ होगी उसे ये, बेरुखी क्या चीज़ है।
जो फ़िदा हैँ खूबसूरत, हुस्न के अंदाज़ पर,
आज उनको हम दिखा दें, सादगी क्या चीज़ है।
दर्द उनको क्या पता हो, प्यार के हर वार का,
दिल लगा कर देख लें वो, दिल्लगी क्या चीज़ है।
प्यार काली रात से बस, दाग जिनके चांद में,
कौन उनको ये दिखाए, चांदनी क्या चीज़ है।
है ख़ुदा भी हार बैठा, इश्क की हर जंग में,
जब ख़ुदा भी ना बचा तो, आदमी क्या चीज़ है।
आज रानी क्यों लगे सब, कुछ तुझे भी बेवजह,
गर सभी कुछ बेवजह तो, लाज़मी क्या चीज़ है।
©rani_shri -
jigna_a 17w
मेरे अज़ीज़ ने कहा है मुझे ज़िंदगी हमें जीती है,
और ये सिखाने को ज़िंदगी ने उसे भेजा था।
उसे खोने से बहुत ड़रती थी मैं,
उसने बखूबी मेरा ड़र निकाल दिया।
बस, खो गया!
Jignaaमेरे पास कोई मुद्दा नहीं लिखने का,
अर्थात यूँ नहीं कि ज़िंदगी ने न छेड़ा,
मुस्लसल कहीं का नहीं छोड़ा,
फिरभी, शिकायतें क्या करना,
जब जन्मे थे क्या कोई परिपत्र लिखा था?!
एक मुट्ठीभर आँसू मिलेंगे,
पुलिंदा भर ठहाका,
बादलों की सैर करोगी,
या पत्थरों पे सर पटकना,
नहीं कोई कंडीशन अप्लाइड का तमगा नहीं था,
न ही आचार,विचार, प्रचार या प्रवचन था,
ये तो हम ही बुद्धिजीवी कुछ ज़्यादा,
हाथों की आड़ी तीरछी लकीरों में कहीं किस्मत का एकतारा बजाया था,
देखो न कुछ था नहीं,
फिरभी कितना कुछ लिख गई,
वो सहमी सहमी जिगना,
कलम के पीछे बेबाकी से छुप गई,
कल फुसफुसाई थी उसकी सखी उसके कानों में,
बोली, किसने कहा था तू मुझे जी रही,
मैं ही तुझे जीने आई थी,
वो ही अपनी ज़िंदगी,
जो इस दफा मुद्दा बन गई।
©jigna_a -
पुत्र वात्सल्य के वशीभूत हुई माओं ;
अगर आपको अपने बेटों को
खेलने के लिए कुछ देना ही है तो
उसे खिलौना दें ;
" किसी बाबा की गुड़िया नहीं " .!
©neha_netra -
तुम्हारी मोहब्बत के नशे में
हम चूर थे,
नशा उतरा ही नहीं की
तुम्हारे दीदार हो गए
©duffer08 -
मैंने अपने हिस्से की आधी जिंदगी
पहली मुलाकात में गुजर ली
आप जो मिल गए तो
सांसें बढ़ जाएंगी हमारी
©duffer08 -
duffer08 41w
काश !
काश ऐसा होता
तू मुझमें कहीं रहता
काश ऐसा होता
मैं तेरा साया होता
यूं तो साथ है तू
काश उम्रभर तू साथ रहता।
©duffer08
