"तुम चाहते तो रिश्ता बचा सकते थे..
अपने गुस्से को जरा दबा़ सकते थे...
हम जा रहे थे सो तुमने जाने दिया़....
चाहते तो हाथ पकड़ हक भी तो जता सकते थे...
©_chooti_si_duniya
_chooti_si_duniya
" cuntarry is not availbal
-
-
तेरे साथ कुछ...
अजीब सा रिश्ता है मेरा..
ना निभाया जाता है..
ना छोड़ा जाता है..
©_chooti_si_duniya -
एक तुम्हीं तो थे..
जिससे सब कुछ कहने को....
मन करता था...
वरना हम तो आंसू भी...
पलकें बंद करके बहाते थे..
©_chooti_si_duniya -
"अगर मौहोबत करनी है तो....
दिल से करना कयोकि...
जिस्म से तो हर कोई चाह लेता है...
©_chooti_si_duniya -
मौहोबत करते हैं इसी लिए अच्छे...
लगते हों...
अच्छे लगते हो इस लिए मौहोबत नहीं...
हैं..
©_chooti_si_duniya -
*************
सब पा लिया मेंने..
तुमसे इश्क करके..
जो बाकी रह गया..
वो तुम्हीं तो थे..
©_chooti_si_duniya -
"मतलबी जमाना हैं...
नफरतों का कहर हैं..
ये दुनिया दिखाती शहद है..
पिलाती जहर हैं...
©_chooti_si_duniya -
"घुटन सी होने लगी हैं..
इश्क जताते हुए..!
मैं खुद से रूठ गई हूं..
तुम्हें मनाते हुए...
©_chooti_si_duniya -
मेरी तमन्ना नहीं थी...
तेरे बगैर रहने की...
मजबूर को,मजबूर की,
मजबूरीयां, मजबूर कर देती है...
©_chooti_si_duniya -
"नहीं बदल सकते हम खुदको...
औरों के हिसाब से...
एक लिबास हमें भी दिया है..
उपर वाले ने अपने हिसाब से...
©_chooti_si_duniya
-
diyaparmar 55w
जाहि़र है तू इसी बारिश़ में कहीं..
गुमनाम़ है हम इसी बरसात़ में कहीं..!!!
©diyaparmar -
" आते थे "
मैं तुम्हारा मुंतजिर था..... तुम्हारे खत
आते थे..
बातों में लिपटे जज़्बात..........फ़क़त
आते थे..
मैं परेशां रहता रातों को.... ख़्वाबों में
मिलने की हसरत से..
सोता नहीं था मैं मगर.... थकान दिन भर की
नींद लाते थे
©writer_by_rebelity -
disha_chauhan 53w
कम खुबसूरत लोगों का प्यार...
बहुत खुबसूरत होता है..!!!!! -
disha_chauhan 54w
.
-
Sometimes you meet a person and you
just click--you're comfortable with
them,like you've known them your
whole life,and you don't have to
pretend to be anyone or anything -
disha_chauhan 54w
"कौन किस से चाहकर दूर होता हैं !
हर कोई अपने हालातो से मजबूर होता हैं !
हम तो बस इतना जानते हैं..,
हर रिश्ता'मोती'और हर दोस्त'कोहिनूर'होता हैं !
©disha_chauhan -
disha_chauhan 55w
जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम !
मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम !
सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा !
बस कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम !!
©disha_chauhan -
sursa7 77w
ऐश से इशरत में कटी रात हमारी
ग़म का आख़िरी जश्न जो था ।।
©sursa7 -
disha_chauhan 70w
Mere dost...
छोटी सी बात पर नाराज़ मत होना
भूल हो जाएं तो माफ कर देना
नाराज़ तब होना जब रिश्ता तोड़ देंगे
क्योंकि एसा तब होगा जब हम दुनिया छोड़ देंगे
©disha_chauhan -
disha_chauhan 71w
Manzil milne se "dosti" bhulai nahi jaati..
Humsafar Milne se "dosti" mitai nahi jaati..
"Dosti" ki kami har pal rehti hai..
Duriyo se "dosti" chupai nahi jaati..
©disha_chauhan
