पत्थर से मोहब्बत नहीं होती,कह कर लोग उस पत्थर के चाँद पर शायरियां लिखते हैं।
वाह।।
©3roth3
कौन कहता है पत्थर से मोहब्बत नहीं होती,
एक बार मीरा जैसी मोहब्बत कर के तो देखो।
वो पत्थर की मूरत भी भगवान बन जाएगा।
©30nish
30nish
When nothing is sure, everything is possible.
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30nish 77w
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30nish 77w
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30nish 77w
2020 returns -
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30nish 86w
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30nish 87w
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बड़ा ही मुश्किल होता है,
जब ना कोई मंजिल,कोई राह हो।
चल रही हो सांसे मगर,
जीने की न कोई चाह हो।
@sajank
खुद को ही मंजिल बना,
खुद ही राह बन जा ।
क्यों चाहिए हमसफर ,
सदा चलने के लिए ।
क्या काफी नहीं हैं खुद ही,
खुद के जीने के लिए।
©30nish -
30nish 88w
For their new campaign 'ekatvam' Tanishq released an Ad film that proved to be hard to digest for some Indians.
It showed Muslim mother-in-law preparing the house for her Hindu daughter-in-law's ever so special occasion of her baby shower.
As a hashtag boycott Tanishq raged online with unreasonable, hateful backlash, Tanishq was forced to take down the product.
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maahie_ 38w
If you think I don't like cooking
You are wrong i love to cook
But thing is i don't want to make future of it
If you think I don't like home and family
You are wrong dude
Thing is i don't want them to rule me
If you think that I don't wear traditional dresses
You are wrong dude
Thing is i don't want to wear them forever
If you think that I don't want love
You are wrong dude
Thing is i don't want him to be my owner
The thing is i know my worth and i can't adjust with anything
©maahie_Read caption
©maahie_
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gunjit_jain 65w
दिया जो दर्द वही पूछता है हाल मेरा
है किसने तुमको रुलाया ये काम किसका था।
© नौशाद मुहम्मद
1212 1122 1212 22/112
#nayab_naushad1212 1122 1212 22/112
किसी के दिल से ज़रा सा उतर रहा हूँ मैं
ज़रा- ज़रा ही सही पर बिखर रहा हूँ मैं
यूँ तारा हूँ कुछ आँखों का मैं, मगर फिर भी
किसीकी आँखों में शायद अख़र रहा हूँ मैं
इधर भला किस को हाल है पता मेरा
बुरे समय से यूँ तनहा गुज़र रहा हूँ मैं
अकेले छुप के सिसकता भी है ये दिल मेरा
यही हकीकत है, पर मुकर रहा हूँ मैं
यहाँ पे अक्सर सब छूटता ही है 'गुंजित'
यूँ कश्मकश में अकेला ही मर रहा हूँ मैं।
©गुंजित जैन -
️
ख़्वाबों में मिलता हूँ तुमसे, और बिछड़ता रहता हूँ,
एक इश्क़ की ही सैकड़ों कहानियाँ गढ़ता रहता हूँ।
तुम नूर हो, इनायत हो, रूहानियत हो मेरी,
तुम्हें उकेरता हूँ किताबों में, और पढ़ता रहता हूँ।
©abhi_mishra_ -
rani_shri 66w
दफ़न हो गया ख़ुद ही ख़ुद की कबर बना कर,
बिक गया तू मुर्शिद अपनी ही खबर बना कर।
~श्रीनज़र रक्खी हर बार अपनी खबर रख कर,
ज़िंदगी बीत गयी हर मर्तबा सबर रख कर।
©rani_shri -
©3roth3
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️
एक चेहरा है, जिसकी ख़ुमारी जाती नहीं है,
एक नींद है, जो मुझको अक़्सर आती नहीं है।
एक वक़्त था, तंग करती थीं मुझे तनहाईयाँ,
एक वक़्त है, कि अब रात भी सताती नहीं है।
जो घड़ी तुझ संग, अरसे तक ठहर सी जाती थी,
तुझ बिन वक़्त का हिसाब मुझे बताती नहीं है।
हर ख़्वाब में ख़ुदको पाते थे तुम्हारे घर के सामने,
अब कोई शहर, कोई गली मुझको भाती नहीं है।
मैं हर रात उससे रूठता हूँ, सुबहो को ये लगता है,
वो मुझसे इश्क़ तो करती है, मगर जताती नहीं है।
©abhi_mishra_ -
©3roth3
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sajank 83w
24.11.2020. 7:28pm
#Sj #heart #broken #alone #shayari #Hindi #hindiwriters #love #shej #dishu
@anjali_chopra @cutie123456 @rani_shri @piaa_choudhary @meenuaggमरा कभी जो वो
फिर कभी ज़िंदा ना हुआ,
उड़ना क्या भुला एक बार वो
फिर कभी परिंदा ना हुआ!!
©sajank -
malhar_ 84w
'अंदर चलो, कहाँ धूप में खेलने जा रहे हो...? सचिन नही बन जाओगे...'
मुझे आपका नही पता पर मैने तो ये अपने बचपन से बहुत सुना है। इतना कि अब खेलने का ही मन नही करता है। बालकनी में खड़े होकर जब मै मैदान में खेलते बच्चों को देखता हूँ तब लगता है अभी जाऊँ और बैट पकड़ कर एक कवर ड्राइव खेलूँ या फिर एक जोरदार स्ट्रेट छक्का मार के जोर से उछल जाऊँ पर........पर मै सचिन नही हूँ ना।
जब से मैने होंश संभाल है तब से मैने पाजी (सचिन तेंडुलकर) को देखा है और यही मेरे फेवरेट रहे हैं इतना की अगर कभी ये जल्दी आउट हो जाते थे तो मै मैच देखना बंद कर देता था। मैने 2011 का वर्ल्ड कप फाइनल देखा है, पाजी को कंधे पर उठाकर लोगों को जश्न मनाते देखा है शायद तब से मैने दिलचस्पी लेना शुरू किया....देखता तो मै पहले से ही था पर क्रिकेट में खो जाने का जुनून बहुत बाद में आया।
जो मुझे जानते हैं वो अक्सर मुझसे पूंछते हैं कि मुझे 'मुंबई इंडियन्स' क्यों पसंद है! पहले मेरे पास कोई जवाब नही होता था। बहुत बाद में पता चला की मुझे टीम कहां पसंद थी, मुझे तो 5 फुट 5 इंच का वो खिलाड़ी पसंद था जो मुंबई के लिए खेलता था, जिसके मैदान पर उतरते ही सचिन.....सचिन के नाम की आवाज स्टेडियम से निकल कर लोगों के दिलों में जाकर टकराती थी।
पर वो तब था और ये अब है कि मुझे मुंबई के लिए खेलता हर खिलाड़ी पसंद है। उन्हीं खिलाड़ियों में शुमार रोहित शर्मा बहुत अपना सा लगता है मुझे। पसंद है मुझे उसके खेलने का स्टाइल। यकीनन बहुतों को पसंद होगा। उसके छक्के मारने पे बेशक सब तालियाँ बजाते होंगे, इस कमरें में बैठे हर शख्स की जुबान पर सिर्फ 'कमाॅन रोहित यू कैन' की आवाज है पर.....
ये सचिन तो नही है ना। फिर क्यूँ ?
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सन्नाते में हंसी के जैसे...
सूने होठों पे ख़ुशी के जैसे...
यह तो नूर हैं बरसे गर तेरी किस्मत हो बड़ी.....
#behindthescenes
#fromnotepad #miraquillहम जो है हम वो क्यूँ नही बन सकते...
हमें सचिन, रोहित क्यूँ बनना है?
हम हम बनकर क्यूँ नही रह सकते?
क्यूँकि हम नकल में अपनी अक्ल का इस्तेमाल करते हैं।
©malhar_ -
gunjit_jain 83w
Tried something in english after a long time! Ignore the grammatical errors and spelling mistakes and corrections are welcome.
Happy men's day❤️❤️
#english_by_gj
@writersnetwork @mirakee ❤️❤️It's "B" and not "T"
Few will stay, but most will leave
Left him alone, with his grieve
He wants to cry but he can't cry
'Men don't cry', everyone believes.
He hides his tears in his dry eyes
He left his emotions for demise
"Men are strong" everyone says
But his emotional strength also dies.
They break him but he can't show
He is in pain, but he can't feel low
''Men don't feel pain'' they thought
But men too feel it, they don't know.
He needs love and he needs care
They need perfection but it's very rare
They avoid the pure heart and say
"You are short, your colour isn't fair".
He wants to make your smile bigger
As a husband, a brother or a father
No matter how much he cries alone
But he will make you even stronger.
Don't play with him, it's the essence
Respect the man, and his presence
"B" and "T" are completely different
'B'oys and 'T'oys, have a difference!
~ Gunjit Jain
